मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट

जयपुर। राजस्थान के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में राजनीतिक गतिविधियां अचानक बढ़ी है । प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में माने जाने वाले मंत्री और विधायकों ने पिछले कुछ दिनों में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात कर राजनीतिक रूप से उनके साथ रहने का आश्वासन दिया है। ये वे मंत्री और विधायक हैं जो 6 माह पूर्व पायलट कैंप की ओर से की गई बगावत के समय गहलोत के खेमे में थे।

गहलोत खेमे में रहते हुए इन मंत्रियों व विधायकों ने पायलट के खिलाफ मुहिम चलाई थी। लेकिन अब वे वापस पायलट कैंप में लौट रहे हैं। इनमें चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक दानिश अबरार व प्रशांत बैरवा शामिल है। पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ.रघु शर्मा,प्रमोद जैन भाया पायलट के विश्वस्तों में से एक शामिल थे।

पायलट के प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष रहते हुए इन दोनों ही ने संगठन के अधिकांश फैसले लिए थे। लेकिन जैसे ही पायलट और उनके समर्थकों ने बगावत की तो ये शर्मा और भाया गहलोत खेमें में शामिल हो गए। हालांकि अब इनकी सत्ता और संगठन से नाराजगी बढ़ रही है। इसी के चलते शर्मा ने दो दिन पहले पायलट के घर जाकर मुलाकात की। इससे पहले भाया पायलट से मिलने पहुंचे थे।

बगावत के समय पायलट के साथ दिल्ली जाकर वापस गहलोत खेमें लौटने वाले विधायक दानिश अबरार व प्रशांत बैरवा एक बार फिर पायलट कैंप में शामिल होना चाहते हैं। इन दोनों विधायकों ने मुलाकात के लिए पायलट से समय मांगा है। हालांकि पायलट ने अब तक इन्हे समय नहीं दिया है।