बीकानेर, किराए के भवनों में चल रहे अधिकांश सरकारी स्कूलों के हालात बिगड़े हुए हैं। स्कूल के लिए सरकारी भवन उपलब्ध नहीं होने से मजबूरन दो-तीन कक्षाएं एक ही कमरे में लग रही है। बीकानेर शहरी क्षेत्र में करीब 15 स्कूल किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश में ना तो प्ले ग्राउंड है ना ही कंप्यूटर लैब। बावजूद इसके राज्य सरकार ने इन स्कूलों को 10वीं से 12वीं में क्रमोन्नत कर दिया है। ऊपर मात्र तीन स्कूलों के ही उदाहरण दिए गए हैं, ऐसे हालात अधिकांश सभी किराए की बिल्डिंग में चल रहे स्कूलों के हैं। राज्य सरकार ने इसी साल प्रदेश के सभी 10वीं तक के 3828 स्कूलों को 12वीं में क्रमोन्नत किया है। इनमें बीकानेर के 129 स्कूल शामिल है। क्रमोन्नत होने के बाद जिन स्कूलों में बच्चों के लिए स्थान पर्याप्त नहीं है वे दूसरे भवन के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के मापदंडों के मुताबिक इन स्कूलों में बच्चों को सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुए 12 साल हो चुके हैं। बावजूद इसके शहरी क्षेत्र में चल रहे अनेक स्कूलों को खुद का भवन नहीं मिला है।

ये तीन उदाहरण

  • विश्वकर्मा गेट के बाहर स्थित मुक्ता प्रसाद स्कूल को इसी साल 12वीं में क्रमोन्नत किया गया है। किराए की बिल्डिंग में चल रहे इस दो मंजिला स्कूल में केवल चार कमरे है। कमरे कम होने से इस स्कूल में 4 कक्षाओं के बच्चों को एक कमरे में पढ़ाना पड़ रहा है।
  • रेलवे क्रॉसिंग स्कूल में बच्चों की क्लास के लिए केवल तीन कमरे हैं। इस स्कूल को भी 10वीं से 12वीं में क्रमोन्नत कर दिया गया है। कमरे कम होने के कारण बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है।
  • ईदगाह का बारी नाथूसर गेट स्थित स्कूल को 2013 में बारे में क्रमोन्नत किया गया था। किराए की बिल्डिंग में चल रहे इस स्कूल में केवल पांच ही कमरे हैं। कमरों की संख्या कम होने के कारण 400 बच्चों के इस स्कूल को दो पारी में लगाना पड़ रहा है।

आरटीई में छात्र संख्या व शिक्षक योग्यता के साथ-साथ पर्याप्त भवन का भी प्रावधान है। सरकार को नामांकन बढ़ोतरी, शिक्षक भर्ती के साथ किराए की बिल्डिंग में चल रहे स्कूलों को स्थाई भवन देना चाहिए। – रवि आचार्य, प्रदेश महामंत्री, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
किराए की बिल्डिंग में चल रहे स्कूलों के भवन को लेकर प्रस्ताव आते हैं तो भवन की व्यवस्था करवाई जा रही है। पिछले साल ही दफ्तरी चौक पर तेलीवाड़ा स्कूल को नया भवन दिया है। – डॉ. राजकुमार शर्मा, सीडीईओ, माध्यमिक

बड़ी राहत
जन आधार कार्ड में हाे सकेगा एक से ज्यादा बार संशाेधन

जिले के 25 लाख जन आधार कार्डधारकों के लिए राहत की खबर है। अब जन आधार कार्ड की एंट्री में एक से ज्यादा बार संशोधन हो सकेगा। ये सुविधा निशुल्क होगी। पहले एक ही बार संशोधन का प्रावधान था।
संशोधन में क्या जरूरी
जन्म तिथि व आयु: नगर निकायों से जारी जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं कक्षा का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड सहायक दस्तावेज होंगे।
नाम में संशोधन: इसके सत्यापन के लिए फोटो वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक या डाकघर की पासबुक लगानी होगी।
लिंग: लिंग बदलाव के लिए स्वघोषणा पत्र देना होगा।
श्रेणी व जाति संशोधन: परिवार की श्रेणी या जाति बदलाव के लिए स्वयं का जाति प्रमाण पत्र, परिवार में माता-पिता या भाई-बहन में से किसी एक का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

शिक्षा विभाग
चयन तिथि अंकित नहीं होने से 850 एचएम प्रमोशन से वंचित

शिक्षा विभाग में 2017-18 में पदोन्नत प्रधानाध्यापक चयन तिथि का अंकित नहीं करने से प्रिंसिपल पदों पर प्रमोशन नहीं पा सके हैं। शिक्षा सेवा परिषद (रेसा) कई प्रतिनिधिमंडल सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिला। रिचा के जिला महामंत्री कमल कांत स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते 2017-18 में पदोन्नत प्रधानाध्यापक पात्र होते हुए भी 2020-21 की प्रिंसिपल डीपीसी में सेलेक्ट नहीं हो पाए। इनमें से अनेक पात्र प्रधानाध्यापक रिटायर्ड भी हो चुके हैं। शेष बचे प्रधानाध्यापकों को डीपीसी करवाकर प्रिंसिपल बनाने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में अनिल स्वामी, विजय चौधरी, माया हटिला, संदीप कुमार, सबीना कोहरी,विनीता जाखड़, लाजवंती एवं सुमित्रा गोदारा आदि शामिल हुए।

4 साल में 4437 स्कूल उच्च माध्यमिक में हुए अपग्रेड

  • 287 स्कूल – 2019-20
  • 82 स्कूल – 2020- 21
  • 240 स्कूल – 2021-22
  • 3828 स्कूल – 2022-23