जयपुर। यदि आपके वाहनों में पेट्रोल या डीजल कम भरा हुआ है तो आज शुक्रवार को ही भरवा लें। शनिवार को प्रदेश के सभी पेट्रोलपंप बंद रहेंगे। थोड़ी राहत की खबर यह है कि पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से संचालित कोको पंप खुले रहेंगे, लेकिन इनकी संख्या बेहद सीमित है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने इस हड़ताल की घोषणा की है।
एसोसिएशन की मांग है कि प्रदेश में वैट की दर पड़ोसी राज्यों के बराबर की जाए। साथ ही राज्य के सभी जिलों में समान वैट लगाया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि पहले एक दिन 10 अप्रैल को हड़ताल की जाएगी। यदि सरकार नहीं मानी तो 25 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सभी डीलर्स चले जाएंगे। इस हड़ताल से पेट्रोल पंपों के ड्राई होने का खतरा बन सकता है। इसकी वजह यह भी है कि पंप संचालक शनिवार सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक पेट्रोल या डीजल की कंपनियों से खरीद भी नहीं करेंगे। ऐसे में रविवार को कुछ पंप ड्राई होने की सूरत में भी आ सकते हैं।
सरकार को एक दिन की हड़ताल से 34 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि इस हड़ताल के कारण राज्य के करीब 7000 पेट्रोलपंप बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों से राज्य सरकार को ज्ञापन दिए जाने और मिलने के लिए समय मांगे जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया। ऐसे में हमें अपने इस फैसले पर कायम रहना होगा। सरकार को केवल एक दिन की हड़ताल से 34 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि होगी। यह प्रदेश में एक दिन नहीं बिक पाने वाले 3 करोड़ लीटर पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट और सेस से सरकार को मिलता है।
राजस्थान में पेट्रोल पर 36 और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट
राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट है। जबकि पड़ोसी हरियाणा व पंजाब में पेट्रोल पर 25 प्रतिशत, डीजल पर करीब 16 प्रतिशत है। इसके अलावा दिल्ली में पेट्रोल पर 30 और डीजल पर 16.75 प्रतिशत, गुजरात में पेट्रोल व डीजल पर करीब 20-20 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर 26.80 व डीजल पर 17.48 प्रतिशत वैट है। जबकि मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर 33 व डीजल पर 23 प्रतिशत वैट है। एमपी में पेट्रोल पर 4.5 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स भी है।
गहलोत ने पेट्रोल पर 12 और डीजल पर 10 प्रतिशत वैट बढ़ाया
बगई ने बताया कि जब से प्रदेश में गहलोत सरकार आई है, पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल पर 10 प्रतिशत वैट बढ़ाया गया। यानी 5 जुलाई को पेट्रोल पर वैट 26 से बढ़ाकर 38 और डीजल पर 18 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया। हालांकि, पिछले माह ही सरकार ने सिर्फ 2 फीसदी वैट पेट्रोल और डीजल से घटाया भी। इससे प्रदेश की जनता को बड़ी राहत नहीं मिल पाई। जबकि कोरोना के लॉकडाउन में, जब वाहन सड़कों पर नहीं थे, सरकार ने गुपचुप तीन बार वैट बढ़ाकर पेट्राेल पर 8 और डीजल पर 6 प्रतिशत वैट की बढ़ोतरी कर दी थी। जैसे ही अनलॉक हुआ, लोग सड़कों पर आए तो उन्हें बढ़े भाव का पता चला।