जयपुर। राजस्थान में हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमत दिसंबर तक 150 रुपए प्रति लीटर को पार कर सकती है। ये कहना है राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन अध्यक्ष सुनीत बगई का। उन्होंने बताया कि जिस तरीके से सरकार मनमाने तरीके से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स वसूली कर रही है। वो दिन दूर नहीं जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें 150 रुपए को पार कर जाएंगी।
सुनीत बगई ने बताया की देशभर में राजस्थान एक मात्र ऐसा प्रदेश है, जहां पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा है। क्योंकि सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर 36 और डीजल पर 26 फीसदी वैट (ङ्क्रञ्ज) वसूला जा रहा है। हालांकि मणिपुर में पेट्रोल पर वैट सर्वाधिक 36.50त्न है, लेकिन डीजल के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जो पूरे देश में एक समान है। इस समय यह पेट्रोल पर 32 रुपए 98 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 31 रुपए 83 पैसे प्रति लीटर है।
दिसंबर तक पेट्रोल डेढ़ सौ पहुंचेगा क्योंकि पिछले कुछ वक्त से क्रूड ऑयल पहले के मुकाबले कम निकाला जा रहा है। जिसकी वजह से दुनिया भर में क्रूड ऑयल की किल्लत होने लगी है। इसी वजह से क्रूड ऑयल के दाम 84 डॉलर प्रति बैरल को पार कर चुके हैं। जो अब तक सबसे अधिक है। ऐसे में सर्दियों के दौरान हर साल क्रूड ऑयल निकालने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे कीमत में और अधिक इजाफा होता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही उठापटक से विशेषज्ञों का अनुमान इस बार 15 डॉलर प्रति बैरल के इजाफे का है। जिसके बाद क्रूड ऑयल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंच सकती है। इसका सीधा असर भारत में पड़ेगा क्योंकि यहां 85त्न क्रूड ऑयल विदेशों से मंगाया जाता है। इसके साथ ही राजस्थान में वैट सबसे अधिक है इसलिए यहां कीमत देश में सबसे ज्यादा होगी। सीधे तौर पर समझे तो अगर क्रूड ऑयल की कीमत में 1 रुपए का इजाफा होता है तो राजस्थान में वह ढाई रुपए में बिकता है। क्योंकि यहां सरकार सबसे ज्यादा टैक्स और वैट वसूल कर रही है।
आज 65 रुपए पेट्रोल और 60 रुपए में डीजल की कीमत
बगई ने बताया कि राजस्थान में आज एक लीटर पेट्रोल की कीमत टैक्स के साथ 65 रुपए है। जबकि एक लीटर डीजल की कीमत सिर्फ 60 रुपए प्रति लीटर है, लेकिन सरकार जनता की जेब से पैसा निकालकर टैक्स की जमाखोरी कर रही है। कोरोना के नाम पर टैक्स वसूली शुरू हुई थी, जिसे अब सरकार को कम करने में जोर आ रहा है।
इसका सीधा नुकसान जनता को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में अगर सरकार त्रस्ञ्ज लागू कर देती है, तो पेट्रोल और डीजल की रेट 90 रुपए से कम में होगी। लेकिन सिर्फ टैक्स के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई वसूलने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर त्रस्ञ्ज लागू नहीं कर रही है।