बीकानेर। देवीसिंह भाटी की दखल ने भाजपा में भूचाल के हालात पैदा कर दिए हैं। भाजपा वाले हालांकि यह तो कह रहे हैं कि देवीसिंह भाटी के दौर में भी जब पांच से अधिक पार्षद सामाजिक न्याय मंच के नहीं जीत पाए तो नरेंद्र मोदी के दौर में अपने पार्षद कैसे जीता पाएंगे, लेकिन यह भी मान रहे हैं कि भाटी के प्रत्याशी अगर दो-दो सौ वोट भी ले गए तो नुकसान भाजपा को होगा। जहां जीत का आंकड़ा ही दहाई की संख्या में हो, वहां यह चिंता लाजिमी भी है। ऐसे में भाजपा की स्थिति असमंजस से भर गई है। हालात यह है कि फैसला लेने वाले नेता यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसे देवीसिंह भाटी का आदमी मानें और किसे क्लीन-चिट दें।
बीकानेर नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों का चयन और टिकटों का वितरण अर्जुनराम मेघवाल की सिफारिश पर ही अंतिम रूप से होना है। मेघवाल निकाय चुनाव के लिए गठित प्रदेश स्तरीय समिति में भी शामिल हैं और बीकानेर भाजपा भी उनके इर्दगिर्द सिमट चुकी है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि यह भाजपा के लिए यह चुनाव एक चुनौती बन गया है। इस बीच यह भी पता चला है कि आज होने वाली प्रदेश स्तरीय निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में मेघवाल नहीं जा रहे हैं। कल जिलाध्यक्षों की होने वाली बैठक में ही शिरकत करेंगे।