जयपुर। आगामी पांच दिनों में पूरे राजस्थान में तेज बारिश होगी। राज्य के पूर्वी हिस्सों में मानसून सक्रिय बना रहेगा और ज्यादातर भागों में हल्के से मध्यम  दर्जे की बारिश होगी। वहीं, दक्षिणी भागों के कुछ हिस्सों में  होने की संभावना है।
श्रावण मास में सुस्त पड़े मानसून प्रदेश में भाद्रपद मास-आश्विन मास में खुशखबरी लेकर आया है। मानसून के इस सत्र में अब तक राज्य के ज्यादतर जिलों  में औसत या औसत से ज्यादा बारिश दर्ज हो चुकी है। राजस्थान के दक्षिणी भाग के सिरोही जिले में औसत से करीब 38 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई  है। वहीं, राज्य के उत्तर पश्चिम में श्रीगंगानगर में औसत से 32 प्रतिशत बारिश कम दर्ज की गई। राज्य के कोटा संभाग और शेखावटी क्षेत्र के जिलों में  औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। आगामी पांच दिनों में पूरे राजस्थान में तेज बारिश होगी। राज्य के पूर्वी हिस्सों में मानसून सक्रिय बना रहेगा और  ज्यादातर भागों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। वहीं, दक्षिणी भागों के कुछ हिस्सों में ॥द्गड्ड14 क्रड्डद्बठ्ठ होने की संभावना है।
परिस्थितियां अनुकूल
प्रदेश के बीकानेर और जोधपुर संभाग में आगामी दो दिनों तक कहीं-कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की, कोटा और उदयपुर संभागों के हिस्सों में ज्यादा बारिश  होने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम झारखंड और छत्तीसगढ़ के उत्तर में चक्रवाती सर्कुलेशन के साथ कम दबाव का क्षेत्र  बना हुआ है। आगामी तीन दिनों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तरी मध्य प्रदेश में चक्रवाती सर्कुलेशन के आगे बढऩे की उम्मीद  है। एक चक्रवाती सर्कुलेशन पश्चिमी राजस्थान और उसके पड़ोस में निचले क्षोभमंडल स्तर पर स्थित है और 24 सितंबर तक इसके वहीं रहने की उम्मीद  है।
बीसलपुर बांध का जलस्तर पहुंचा 311.62 आरएल मीटर
पेयजल आपूर्ति के लिए प्रदेश के सबसे बडे बांधों में शुमार बीसलपुर बांध में लगातार पानी की आवक का सिलसिला जारी है। कैचमेंट एरिया में अच्छी  बारिश से बीते दस दिनों में बारिश के चलते बांध में पानी के आने से जलस्तर में इजाफा हो रहा है। शुक्रवार सुबह बांध का जलस्तर 311.62 आरएलमीटर  दर्ज किया गया। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सात से दस दिनों में ओर पानी की आवक से स्थितियों में कई बदलाव देखने को मिले ंगे। अब तक मानसून सीजन में कुल 16.2 टीएमसी पानी आ चुका है। इससे लगभग सालभर से अधिक पानी की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है।