लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक दलों द्वारा गारंटियों ओर घोषणाओं का पिटारा खोला जा रहा है, परंतु देश में बेरोजगार युवाओं को उनके सुरक्षित भविष्य की गारंटी कोई भी लेता नजर नहीं आया है। इसी विषय पर पढ़िए सुमित व्यास का एक आलेख :-