जयपुर। राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद 1 सितंबर से फिर से स्कूल खुलने जा रहे  हैं। शुरुआती चरण में कक्षा 9वीं से बारहवीं तक के बच्चे ही स्कूलों में पढ़ाई कर पाएंगे। इसके लिए बकायदा स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से लिखित अनुमति ली जा रही है। इसके बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। जयपुर में भी निजी और सरकारी स्कूल खोलने की तैयारियां शुरू हो गई है। शहर के कुछ स्कूलों ने जहां ऑड-ईवन फार्मूले के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने की तैयारी की है। वहीं कुछ स्कूलों ने छात्रों को स्कूल बुलाने के लिए एक गाना भी बनाया है, जिसे सुनकर अब छात्र भी स्कूल आने को उत्साहित नजर आ रहे हैं।

 

अभिभावकों से लिया अनुमति पत्र

जयपुर के संस्कार स्कूल की प्रिंसिपल नीलम भारद्वाज ने बताया कि शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप स्कूल में सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है। इसके लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्रों के अभिभावकों से लिखित अनुमति भी ली गई है। 1 सितंबर से दो पारी में स्कूल की शुरुआत की जाएगी। इसमें पहली पारी में कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्र बुलाए जाएंगे, जबकि दूसरी पारी में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र बुलाए जाएंगे। इस दौरान कोई भी सार्वजनिक मीटिंग या प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों के लंच टाइम को भी अलग-अलग किया गया है, ताकि किसी तरह के संक्रमण की स्थिति पैदा न हो।

 

 

 

बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए टीचर्स ने बनाया गाना

संस्कार स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि बच्चों के स्कूल में प्रवेश से लेकर उनके क्लास में पहुंचने तक मार्किंग भी की गई है। यहां स्कूल टीचर्स तैनात रहकर बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाएंगे। इसके साथ ही स्कूल टीचर्स ने बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए एक गाना भी बनाया है, ताकि गाने को सुनकर बच्चे फिर से मोटिवेट हों और स्कूल में बच्चों की रौनक फिर से लौट सके।

 

घर से ही लाना होगा लंच और पीने का पानी

रावत पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि स्कूल खोलने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है। पूरे स्कूल को सैनिटाइज कर सफाई शुरू करवा दी गई है। जहां फिलहाल हर क्लास में सिर्फ 15 से 16 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसमें उन्हें पीने का पानी से लेकर खाने का सामान अपने घर से लेकर आने की बात कही गई है। ताकि संक्रमण के खतरे को खत्म किया जा सके।

 

सेफ्टी सेमिनार का किया जाएगा आयोजन

रावत पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि संक्रमण के इस दौर में हमें भी काफी कुछ सिखाया है। ऐसे में हम स्कूली छात्रों के लिए हर सप्ताह दो सेमिनार का आयोजन करेंगे। इसमें विषय विशेषज्ञ उन्हें महामारी के इस दौर में जीने के तरीके सिखाएंगे। साथ ही भविष्य में हर स्थिति से निपटने की भी जानकारी देंगे। ताकि अगर भविष्य में कभी फिर से लॉकडाउन लगे। तो बच्चे घर पर भी सेल्फ स्टडी के साथ खुद को खुश रख सके।

 

 

फिलहाल ट्रांसपोर्ट सिस्टम रहेगा बंद

टैगोर पब्लिक स्कूल की सीईओ डॉक्टर रुचिरा राठौड़ ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दो पारी में स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत स्कूल के सभी स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज भी लग चुकी है। इसके साथ ही स्कूल में भी बच्चों को कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर भी सिखाया जाएगा, ताकि भविष्य में बच्चे के संक्रमण के खतरे से बच सकें। डॉक्टर रुचिरा ने बताया कि फिलहाल बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी शुरू नहीं की गई है। ऐसे में स्कूल के ऑटो और बस द्वारा बच्चे स्कूल नहीं आ पाएंगे।

 

इन नियमों का करना होगा पालन

 

स्टूडेंट्स के बीच में दो गज की दूर रहेगी। एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी।लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस उपलब्ध कराना होगा। बच्चे लंच एक साथ नहीं करेंगे और वाटर बोटल भी घर से लेकर आएंगे। अगर नहीं लाए तो स्कूल से शुद्ध पानी देना होगा।स्टूडेंट्स-टीचर को फेस मास्क का उपयोग जरूरी।प्रार्थना सभा नहीं होगी।खेलकूद गतिविधियों पर भी रहेगी रोक।विद्यार्थी को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा।लंच बॉक्स किसी के साथ शेयर नहीं करें।अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे।आपनी निर्धारित की गई सीट पर ही बैठेंगे।विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमेंगे।अपनी पानी की बोटल, सैनिटाइजर अपने साथ रखेंगे।जुकाम, खांसी, बुखार होने पर विद्यालय नहीं आएं।स्कूल में एंट्री और एग्जिट पर टीचर की ड्यूटी रहेगी, जो मास्क लगाने वाले स्टूडेंट को ही आने व जाने देगा।बस में स्टूडेंट को सीट आवंटित की जाएगी और स्टूडेंट्स वहीं पर बैठेंगे।जो स्टूडेंट स्कूल नहीं आ सकेंगे, उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

 

नियम बन गए, सरकार से मांगी है स्वीकृति

राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने SOP जारी कर दी है। इसकी अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोरोना से बचने के लिए स्कूल टीचर्स व पेरेंट्स दोनों को सहयोग करना चाहिए।

 

राज्य में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल

 

सरकारी स्कूल: 14914कुल स्टूडेंट्स- 26 लाखनिजी स्कूल: 16180 कुल स्टूडेंट्स- 25 लाख