स्कूल्स में पढ़ रहे बच्चों में अपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी और आचरण में आ रही गिरावट के बीच शिक्षा विभाग ने राज्य के हर स्कूल में एक “गरिमा पेटी” रखने का निर्णय किया है। कोई भी लड़का या लड़की अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ लिखकर पत्र इस पेटी में डाल सकता है। इतना ही नहीं अब स्कूली किताबों में बच्चों के लिए बने कानून की जानकारी भी दी जाएगी। चाइल्ड हेल्पलाइन भी अब सिलेबस का हिस्सा होगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने बताया कि अब हर स्कूल में एक गरीमा पेटी लगाई जाएगी। ये पेटी ऐसी जगह लगेगी, जहां पत्र डालने में किसी भी स्टूडेंट को कोई दिक्कत नहीं हो। कई बार स्टूडेंट्स अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ बोलने में शंका करते हैं। खासकर लड़कियां स्कूल स्टॉफ की ओर से अन्याय करने पर चुप रह जाती है। ऐसी लड़कियां या लड़के इस गरिमा पेटी में अपनी बात लिखकर दे सकती है। पेटी ऐसी जगह लगाई जाएगी, जहां पत्र डालते हुए भी उन्हें कोई देख ना सके। प्रार्थना सभा में बच्चों को बताया जाएगा कि गरिमा पेटी क्या है और कहां लगाई गई है।

सिलेबस में शामिल होंगे बच्चों के कानून

स्कूल में अब बच्चों को ये भी बताया जाएगा कि वो किसी तरह कानून का सहयोग ले सकते हैं। बच्चों की समय समय पर काउंसलिंग की जाएगी और अभद्रता पर होने वाली कानूनी कार्रवाई में सहयोग दिया जाएगा। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, किशोर न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण 2015, बाल श्रम निषेध नियम अधिनियम 1986, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2000 तथा चाईल्ड हेल्प लाइन 1098 को अगले साल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

लीपापोती पर फंसेंगे अधिकारी

निदेशक ने बताया कि अगर किसी संस्था प्रधान या अध्यापक के पास शिकायत आने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई तो उस पर कार्रवाई होगी। किसी भी स्टूडेंट के साथ अभ्रदता की शिकायत मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं अगर प्रशासन को सूचना समाचार पत्र के माध्यम से मिली तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय

शिक्षा विभाग ने अब प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर दी है। बाल उत्पीड़न को रोकने के लिए स्कूल शिक्षक से लेकर संभाग के संयुक्त निदेशक तक की जिम्मेदारी तय करते हुए विस्तृत सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें शिक्षक से संयुक्त निदेशक की ड्यूटी और उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई से अवगत कराया गया है।

पहले भी लगी गरिमा पेटी

ये पहला मौका नहीं है कि जब स्कूल्स में गरिमा पेटी लगाई जा रही है। इससे पहले भी गरिमा पेटी लगी लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आया। यहां तक कि स्कूल में लगी गरीमा पेटियों में आए पत्र बाहर तक नहीं निकलने की शिकायतें मिली। स्टूडेंट्स ने भी कोई बड़ी शिकायत इस पर नहीं की। अगर की है तो वो सामने नहीं आई।