राजनीति में जो दिखता है, वो होता नहीं, जो होता है, वो दिखता नहीं, इसका ताजा उदाहरण हैं रविवार को घोषित हुए 12 जिलों के 50 निकायों में चेयरमैन चुनाव के नतीजे। पिछले रविवार 50 निकायों (43 नगर परिषद व 7 नगर पालिका) के नतीजों में 32 निकायों में निर्दलीयों, 14 में कांग्रेस और 4 में भाजपा को बहुमत मिला था। मगर चेयरमैन चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 36 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि भाजपा 12 पर ही सिमट गई।

वहीं, 2 जगह निर्दलीय चेयरमैन बने। भाजपा के लिए ये बड़ा झटका इसलिए है, क्योंकि 2015 में इन 50 में से 34 निकायों में भाजपा के चेयरमैन थे, 14 में कांग्रेस और दो में निर्दलीय काबिज थे। इस बार कांग्रेस ने 22 निकायों में निर्दलीयों के सहयोग से चेयरमैन के 36 पद हासिल किए। वहीं, भाजपा सिर्फ 8 निकायों में ही निर्दलीयों का साथ लेकर 12 पर ही रह गई। जबकि 32 निकायों में बहुमत हासिल करने के बाद भी निर्दलीय केवल 2 में ही अपना चेयरमैन बना सके।

कहां कौन जीता:

अलवर नगर पालिका

1 बहरोड़ सीताराम यादव कांग्रेस
2 खैरथल हरीश रोघा भाजपा
3 खेड़ली संजय भाजपा
4 किशनगढ़ बास तारामणि भाजपा
5 राजगढ़ सतीश दुहरिया भाजपा
6 तिजारा झब्बु राम सैनी कांग्रेस

बारां निकाय

1 बारां ज्योति पारस कांग्रेस
2 अंता मुस्तेफा खान कांग्रेस

भरतपुर नगर पालिका

1 बयाना विनोद कुमार कांग्रेस
2 भुसावर सुनीता देवी कांग्रेस
3 डीग निरंजन लाल कांग्रेस
4 कामां गीता देवी कांग्रेस
5 कुम्हेर राजीव कांग्रेस
6 नदबई हरवती देवी कांग्रेस
7 नगर रामवतार कांग्रेस
8 वैर विष्णु महावर कांग्रेस

धौलपुर नगर निगम

1 धौलपुर खुशबू सिंह निर्दलीय
2 बाड़ी कमलेश जाटव कांग्रेस
3 राजाखेड़ा विरेंद्र सिंह कांग्रेस

दौसा नगर पालिका

1 दौसा ममता चौधरी कांग्रेस
2 बांदीकुई इन्द्रा बैरवा कांग्रेस
3 लालसोट रक्षा मित्र कांग्रेस

श्रीगंगानगर नगर पालिका

1 अनूपगढ़ प्रियंका भाजपा
2 सादुलशहर कांता खीचड़ भाजपा
3 पदमपुर रूबी मिगलानी कांग्रेस
4 श्रीविजयनगर राजेंद्र लेघा भाजपा
5 गजसिंहपुर चमकौर सिंह कांग्रेस
6 रायसिंहनगर मनीषमोहन भाजपा
7 श्रीकरणपुर काका बंसल कांग्रेस
8 केसरीसिंहपुर सुमित अग्रवाल कांग्रेस

जयपुर नगर पालिका

1 शाहपुरा बंशीधर सैनी कांग्रेस
2 विराट नगर सुमिता सैनी कांग्रेस
3 चौमूं विष्णु सैनी कांग्रेस
4 कोटपूतली पुष्पा सैनी कांग्रेस
5 चाकसू कमलेश बैरवा कांग्रेस
6 फुलेरा संगीता अग्रवाल कांग्रेस
7 सांभर बालकिशन कांग्रेस
8 किशनगढ़ रेनवाल अमित कुमार जैन कांग्रेस
9 बगरु मालूराम मीणा निर्दलीय
10 जोबनेर मंजू देवी कांग्रेस

जोधपुर नगर पालिका

1 बिलाड़ा रूपसिंह सीरवी भाजपा
2 पीपाड़ समुदेवी सांखला कांग्रेस

कोटा नगर पालिका

1 इटावा रजनी सोनी भाजपा
2 रामगंजमंडी देबीलाल सैनी कांग्रेस

सवाई माधोपुर नगर पालिका

1 सवाई माधोपुर विमल महावर कांग्रेस
2 गंगापुर सिटी शिवरतन भाजपा

करौली नगर पालिका

1 करौली रसीदा खातून कांग्रेस
2 हिंडौन ब्रिजेश जाटव कांग्रेस
3 टोडाभीम अमृता मीणा कांग्रेस

सिरोही नगर पालिका

1 आबूरोड मगनदान चारण भाजपा

गौरतलब है कि प्रदेश के 12 जिलों की 50 नगर निकायों (43 नगर पालिका और 7 नगर परिषद) में अध्यक्ष चुने जा रहे हैं। जिसके लिए 2622 मतदान केंद्रों पर कुल 14 लाख 32 हजार 233 मतदाता ने मतदान किया था।

43 में से 31 नगरपालिका और 7 में 5 नगर परिषद में कांग्रेस का बोलबाला

कांग्रेस; बारां, दौसा, करौली, हिंडौन, स. माधोपुर नगर परिषद।
बहरोड, अंता, तिजारा, बयाना, भुसावर, डीग, कामां, कुम्हेर, नदबई, नगर, वैर, बांदीकुई, लालसोट, बारी, राजाखेडा, चाकसू, चौमूं, जोबनेर, किशनगढ़ रेनवाल, कोटपूतली, फुलेरा, सांभरलेक, शाहपुरा, विराटनगर, पीपाड़ सिटी, टोडाभीम, रामगंज मंडी, केसरीसिंहपुर, करनपुर, पदमपुर व गजसिंहपुर नगरपालिका।
भाजपा; गंगापुर सिटी परिषद।
किशनगढ़बास, खेरथल, खेरली, राजगढ़, रायसिंहनगर, अनूपगढ़, विजय नगर, सादुलशहर, बिलाडा, इटावा, आबूरोड नगरपालिकाओं में भाजपा ने अपने चेयरमैन बनाया।
निर्दलीय; धौलपुर नगरपरिषद और बगरू नगरपालिका निर्दलीयों के पास।

भाजपा 24% पर ही सिमट गई : डोटासरा

^आज राजस्थान के 50 निकाय चुनावों में चेयरमैन के चुनाव समाप्ति के बाद कांग्रेस 36 जगह बोर्ड बनाने में सफल रही और भाजपा केवल 12 बोर्डों के साथ 24% पर सिमट गई। मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।
– गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष, कांग्रेस

सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया: राठौड़

^निकाय चुनाव में कांग्रेस ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयाेग करके चुनाव जीता है। पहली बार निकाय चुनाव में सरकार के स्तर पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। कांग्रेस ने छद्म रूप से जनादेश प्राप्त किया है। प्रदेश की जनता सब देख रही है।
– राजेंद्र राठाैड़, उप नेता प्रतिपक्ष, भाजपा

वजह; अधिकांश निर्दलीयों को कांग्रेस ही क्यों पसंद?

  • प्रदेश में कांग्रेस सरकार है। इसलिए अधिकांश निर्दलीय कांग्रेस के पाले में चले गए।
  • डीग-कुम्हेर सहित कई स्थानों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। वार्डों को ओपन छोड़ दिया। यहां जीते हुए निर्दलीय कांग्रेस के ही थे और उन्होंने चेयरमैन चयन में कांग्रेस का खुलकर साथ दिया।

असर; आगामी चुनावों के लिए मनाेवैज्ञानिक बढ़त

  • पंचायत चुनाव में हार झेलने के बाद कांग्रेस के लिए ये जीत उत्साह बढ़ाने वाली है।
  • 72% निकायों में चेयरमैन बनने से कांग्रेस को आगामी चुनाव में मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी।