बीकानेर, विश्व के शक्तिशाली सैन्य ताकत वाले देशों से जुड़कर भारतीय सेना अपनी ताकत बढ़ा रही है। करीब एक दशक पहले भारत सरकार ने इसकी शुरुआत की। इस बीच अब तक भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और ओमान के साथ साझा युद्धाभ्यास के कई चरण पूरे किए हैं। अब ताजा संयुक्त सैन्य अभ्यास ओमान की शाही सेना और भारतीय सेना के बीच सोमवार को शुरू किया गया है। संयुक्त सैन्य अभ्यास के विषय हर बार काउंटर टेररिज्म ही रहता है। विश्व समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। यही वजह है कि एशिया की सबसे बड़ी युद्ध नोड महाजन फील्ड फायरिंग रेंज हर साल किसी ने किसी देश की सेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास का मैदान बनती है।
रेगिस्तान में आतंकवादी ऑपरेशन का अनुभव
रेगिस्तान और अत्यधिक तापमान में आतंकवादियों का सफाया करने के लिए विदेशी सेनाओं को महाजन फील्ड फायरिंंग रेंज में ही वातावरण मिलता है। फायरिंग रेंज में ऊंचे-ऊंचे रेतीले धोरे हैं। बीच-बीच में समतल तल भी हैं, जहां लड़ाकू विमान आदि आसानी से उतर जाते हैं। ज्यादातर अभ्यास दिसम्बर-जनवरी अथवा अगस्त-सितम्बर में होते हैं।
भारत और ब्रिटेन की सेना के बीच साल 2013 में बेलगाम (भारत) में पहला युद्धाभ्यास हुआ। इसके बाद दूसरा अभ्यास 2015 में भारतीय सेना ने ब्रिटेन जाकर किया। तीसरा संस्करण अजेय वारियर-2017 महाजन में 1 से 14 सितम्बर 2017 तक चला। इसमें भारतीय सेना की 20 राजपूताना राइफल्स और यूके सेना की रॉयल एग्लिकन रेजिमेंट ने हिस्सा लिया। दोनों देशों के 120 सैनिक संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल हुए।
– सेना की पैदल इकाइयों को एक-दूसरे देश के हथियार, उपकरण और नेतृत्व व नियंत्रण क्षमता के साथ ऑपरेशन की रणनीति समझने का मौका मिलता है।
– सैनिक के शारीरिक रूप से मजबूत रहने के लिए अपनाए जाने वाले शैड्यूल को जानने का मौका मिलता है। हर देश का सैनिक की डाइट से लेकर हष्ट-पुष्ट रहने के लिए अपना दैनिक चार्ट होता है।