बीकानेर। शहर में दो राजनीतिक दलों कांग्रेस व भाजपा के जिला अध्यक्षों को लेकर उन्ही की पार्टी से जुड़े नेता, कार्यकर्ता अलग-अलग धड़ो में बंटे हुवे है। बंटे हुवे धड़ो के नेता, कार्यकर्ता येन केन प्रकार इन जिला अध्यक्षों को घेरने का प्रयास करते रहते है। भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप पर भाजपा आईटी सेल के पूर्व जिला अध्यक्ष डूंगरसिंह तेहनदेसर ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया को पत्र लिखकर उनके खिलाफ आरोप लगाते हुवे कहा है कि शहर अध्यक्ष ने जानबुझ कर बीकानेर के लोकप्रिय रहे दो नेताओ पूर्व सांसद स्व. महेन्द्र सिंह भाटी व शहर में भाजपा विधायक रह चुके स्व. नन्दलाल व्यास (नंदू महाराज) के पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण करने का कार्यक्रम नहीं रखा। इस तरह जिन जनप्रतिनिधियों ने पार्टी की रीती-नीति को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया उनकी पुण्यतिथि नहीं मनाना उनका अपमान हुवा है। वहीं कांग्रेस का नजारा कुछ अलग है। यहां शहर अध्यक्ष को लेकर एक खेमे से जुड़े कार्यकर्ताओ ने अपने स्तर पर ही अपने चहेते युवराज को अध्यक्ष मान लिया था परन्तु पार्टी में लम्बी चली मंत्रणा और मंथन के बाद निवर्तमान जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत पर विशवास कर जिला अध्यक्ष बना दिया अब युवराज से जुड़ा खेमा खुलकर तो कुछ बोल नहीं पा रहे परन्तु मानसिकता अध्यक्ष द्वारा आयोजित कार्यक्रम से दुरी बना ली है। नए बने जिलाध्यक्ष ने भी अपनी कार्यप्रणाली में परिवर्तन किया है। अब तक जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में प्रत्येक मीटिंग व कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए डागा चौक स्थित कार्यालय में होती रही है परन्तु यशपाल गहलोत ने अध्यक्ष बनने के साथ कांग्रेस की महारैली में लोगो की उपस्थिति अधिक से अधिक हो इसके लिए कांग्रेस के पार्षदों की मीटिंग जस्सूसर गेट स्थित कार्यालय में रखी साथ ही कांग्रेस की महारैली सफल हो इसके लिए पार्टी द्वारा बीकानेर आये पर्यवेक्षक की उपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ता व पार्षदों की मीटिंग डागा चौक व जस्सूसर गेट स्थित अध्यक्ष के निजी कार्यालय में न रखकर सर्किट हाउस में आयोजित की गई थी। जिसमे मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला व सत्ता की भागीदारी के लिए दौड़ लगा बैठे नेता के आलावा जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत के चहेते कार्यकर्ता ही उपस्थित रहे। ऐसे में लगने लगा है कि भाजपा के अखिलेश प्रताप व कांग्रेस के यशपाल गहलोत अपना कार्यकाल संगठित रूप से चला पाएंगे।