बीकानेर। बीएसएनएल में कर्मचारियों और अधिकारियों के सभी प्रमुख संगठन ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशन्स ऑफ बीएसएनएल तथा दूरसंचार विभाग के मध्य बातचीत विफल हो जाने के पश्चात रविवार रात से बीएसएनएल कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर चले गये।हड़ताल के दौरान उपभोक्ता सेवा केन्द्र,केश काउनटर तथा ग्रामीण क्षेत्र के कार्यालय पूर्णयत: बन्द रहें तथा फ ाल्ट सम्बन्धी कोई कार्य नहीं हुए। विरोध स्वरूप बीएसएनएल कार्मिकों ने महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए बीएसएनएलईयू राजस्थान परिमण्डल अध्यक्ष कमल सिंह गोहिल ने कहा कि
लंबित मांगो को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चुका हैं। बावजूद इसके बीएसएनएल प्रबंधन द्वारा मांगो की अनदेखी की जा रही हैं। एयूएबी के जिला संयोजक गुलाम हुसैन ने कहा कि प्रबंधन से हर स्तर पर बात की जा चुकी, लेकिन उनका समाधान नहीं हो रहा। निजी कंपनियों के हित में बीएसएनएल के हितों से कुठाराघात किया जा रहा है, 4-जी स्पेक्ट्रम से नहीं जोड़ा जा रहा। साथ ही कर्मियों का वेज रिवीजन नहीं कर रहे। एसएनई क्े जिला सचिव महेश व्यास ने कहा कि संचार मंत्री ने संगठन से वार्ता कर पांच सूत्री मांगों पर सहमति जाहिर की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। हम लगातार अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार हठधर्मिता के चलते बीएसएनएल के हितों पर ध्यान नहीं दे रही, जिसके गंभीर परिणाम होंगे। सभा को उम्मेद सिंह राठौड, सेवा के शिवरतन नायक,एआईअीएसएनएलईए के जिला सचिव एल.एन.शर्मा,एआईजेटीओए के जिला सचिन जितेन्द्र चिनियां तथा एयूएबी के जिला प्रवक्ता ताहिर हुसैन ने संबोधित किया।
ये है मांगे
15 प्रतिशत फि टमेंट के साथ तीसरे पे रिवीजन का निराकरण, बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन,
पेंशन रिवीजन को पे रिवीजन से पृथक करने का क्रियान्वयन,बीएसएनएल द्वारा पेंशन कॉन्ट्रिब्युशन का भुगतान, द्वितीय पे रिवीजन कमिटी के शेष मुद्दों का निराकरण, बीएसएनएल की भूमि प्रबंधन नीति का बगैर देरी किए शीघ्र अनुमोदन,बीएसएनएल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सभी रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति,बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर्स का आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालन व रखरखाव का प्रस्ताव रद्द करने।