छायाकार ओम मिश्रा को श्रद्धासुमन अर्पित किए
देवेंद्रवाणी न्यूज़, बीकानेर। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान, बीकानेर की तरफ से प्रसिद्ध छायाकार ओम मिश्रा के आकस्मिक निधन पर भावांजलि प्रकट हुए राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि मध्यप्रदेश के दतिया निवासी ओम मिश्रा का जन्म वहां जरुर हुआ मगर वे बीकानेर आकर यहीं के हो गए | उन्होंने अपनी कला से कई युवाओं का मार्गदर्शन किया | उनकी पारखी नजर ने कैमरे की मदद से ऐसे चित्र बनाए कि वे सभी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के कवर पेज बने | स्वर्णकार ने कहा कि मेरे राजस्थानी काव्य संग्रह “मुळकतो मून:खणकता सबद” का कवर पृष्ठ मिश्राजी का ही बनाया हुआ है | लोक कला केंद्र के अशफाक कादरी ने कहा कि ओमजी मिश्रा ने राजस्थान के आंचलिक जनजीवन को विशेष रूप से अपने कैमरे में कैद किया | प्राकृतिक छटा, रेगिस्तानी पशु-पक्षी, ठेठ ग्रामीण जन-जीवन के चित्र देश-विदेश में काफी लोकप्रिय हुए | उनके चित्रों की एकल व् संयुक्त कई प्रदर्शनियां लग चुकी हैं | वे शांत चित्त रहने वाले मनस्वी थे | प्रेरणा प्रतिष्ठान के प्रेमनारायण व्यास ने कहा कि हम ऑफिस में साथ रहते वे बड़े धैर्यवान ड्यूटी के प्रति गंभीर रहने वाले अच्छे नेक इंसान थे जिनका असमय जाना मन को दुखी करता है | भावांजलि में वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर माथुर ने कहा कि मिश्राजी के खींचे हुए चित्रों के कलर वास्तविक हुआ करते थे | वरिष्ठ रंगकर्मी बी.एल.नवीन ने कहा कि ग्रामीण परिवेश के चित्रों में चहरे के हाव-भाव बिम्ब मुंह बोलते थे | हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी, वरिष्ठ संगीतज्ञ ज्ञानेश्वर सोनी, युवा गायक गौरीशंकर सोनी, गायक पवन प्यारे, सभी ने अपने भाव प्रकट करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए |