बीकानेर। पूरे देश में वर्ष 2016 में बीकानेर का नोखा का नाम चर्चित हुए उसका मुख्य कारण है एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी मौत हो जाने के कारण। जानकारी के अनुसार नोखा के प्राइवेट बीएसटीसी संस्थान में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में पीटीआई सहित तीन आरोपियों को दोषी माना है। सोमवार को तीनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। वर्ष, 16 में बाड़मेर निवासी 17 साल की नाबालिग युवती नोखा के जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में बीएसटीसी कर रही थी। वह सैकंड ईयर की छात्रा थी और संस्थान में बने हॉस्टल में ही रहती थी।
आरोप है कि 28 मार्च, 16 की रात को हॉस्टल वार्डन प्रिया शुक्ला ने छात्रा को जबरन पीटीआई विजेन्द्रसिंह के रूम में भेजा जहां उसने दुष्कर्म किया। छात्रा अपने रूम में नहीं थी तो उसे ढूंढ़ा गया और वह पीटीआई के रूम में मिली। संस्थान प्रशासन ने पीटीआई और छात्रा दोनों से माफीनामा लिखाकर छोड़ दिया। अगले दिन सुबह 29 मार्च को हॉस्टल परिसर में बने पानी के कुंड से छात्रा का शव बरामद हुआ।
उसके पिता ने पीटीआई, हॉस्टल वार्डन और उसके पति प्रिंसिपल प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला और संस्थान मालिक ईश्वरचंद बैद के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या का मामला नोखा थाने में दर्ज करवाया था। पोक्सो कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद पीटीआई, महिला वार्डन और उसके प्रिंसिपल पति को दोषी माना है। तीनों को सजा संभवत: सोमवार को सुनाई जाएगी।
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में जमकर राजनीति भी हुई थी। राजस्थान में वसुंधराराजे की भाजपा की सरकार थी। ऐसे में कांग्रेस ने जमकर धरना-प्रदर्शन किए थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी नेताओं के साथ बाड़मेर में पीडि़ता के घर पहुंचे थे। राष्ट्रीय और राज्य महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग सहित अनेक संस्था-संगठनों ने भी आवाज उठाई थी।