भरतपुर. कोई खाकी को शर्मसार करता है तो कोई इसकी शान में चार चाद लगा देता है।खाकी का एक ऐसा ही चेहरा गुरुवार को आरबीएम अस्पताल में देखने को मिला। हुआ यूं कि गत दिनों कुम्हेर रोड पर बैलारा के पास सड़क दुर्घटना में बाइक सवार दंपत्ति की मौत हो गई। माता-पिता की मौत के बाद बच्चे अनाथ हुए तो पुलिस महकमे के एक सिपाही ने घायल बच्चों के उपचार का जिम्मा उठाया और विभाग से छुट्टी लेकर अनाथ हुए बच्चों की सेवा में लग गए।
पुलिस लाइन मे कार्यरत अऊ के नगला चाहर निवासी लोकेन्द्र चाहर ने बताया कि गत दिनों नदबई के खांगरी निवासी सोनू भील अपनी पत्नी सुमन देवी सहित आठ वर्ष की पुत्री दीपा, चार साल के पुत्र कुंवर व एक छह माह की पुत्री के साथ बाइक से अवार आ रहा था।सोनू अवार में खेतों की चौकीदारी का काम करता था।रास्ते में बैलारा के पास उसे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। दुर्घटना मे सुमन देवी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया और दीपा व कुंवर के सीधे पैर में फ्रैक्चर हो गया।
घटना की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए आरबीएस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सोनू की हालत गंभीर होने पर उसे बेहतर उपचार के लिए जयपुर रेफर कर दिया। मगर विधना को कुछ और ही मंजूर था। मां की ममता से तो पहले ही दूर हो गए अब रास्ते में सोनू के दम तोडऩे पर पिता का भी उनके सिर से साया उठ गया।बताया गया है कि मृतका सुमन देवी का मायका नगला भील में है। हालांकि बच्चों की देखभाल के लिए उनकी दादी और चाचा भी अस्पताल पहुंच गए। मगर दादी और चाचा की उपचार के दौरान होने वाली भागदौड़ में असमर्थता को देखते हुए सिपाही लोकेन्द्र चाहर खुद उनकी सेवा में जुट गए और ब्लड आदि सभी चिकित्सकीय सुविधाओं की व्यवस्था की। साथ ही चिकित्सकों से बच्चों के पैर का ऑपरेशन करने की चर्चा। शुक्रवार को बच्चों के पैर का ऑपरेशन किया जाएगा।