मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे अहम और अनमोल: सुशीला कंवर

बीकानेर। ‘‘अपना जीवन जो दूसरों को दे वो ही मां तथा मां से रिश्ता होने के बाद ही एक बच्चा बड़ा होने तक अपने जीवन में कई और रिश्तों को अपना सकता है‘‘ यह उद्बोधन लाॅयन्स क्लब मल्टीविजन के तत्वावधान में मातृ दिवस पर श्रीमती उषा सक्सेना की स्मृति में सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमती सुशीला कंवर राजपुरोहित, महापौर नगर निगम, बीकानेर ने दिया। उन्होंने कहा कि मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे अहम और अनमोल होता है। । मां की ममता और प्यार हर इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है। मां बच्चे की इस जरूरत को बिना किसी स्वार्थ के पूरा करती है। वैसे तो मां अपने बच्चे पर अपना पूरा जीवन कुर्बान कर देतीं हैं। बच्चे की खुशी में खुश और तकलीफों में दर्द बांटती है। ऐसे में बच्चे अपनी मां के लिए कुछ खास करना चाहते हैं। मां की इसी ममता और प्यार को सम्मान देने के लिए एक खास दिन होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डाॅ. टी.जी. भटनागर ने कहा कि इस दुनिया में सबसे अनमोल होता है. हर इंसान को मां की ममता और प्यार की जरूरत होती है, क्योंकि इसके बिना हर कोई अधूरा है। एक मां भी अपने बच्चे की हर ख्वाहिश को बिना किसी स्वार्थ के पूरी करती है और उसके लिए दुनिया का हर त्याग करने को तैयार रहती है. वो मां ही होती है जो अपने बच्चे की हर तकलीफ को बांटती है और उसके दामन में संसार की सारी खुशियां भर देती है।
कार्यक्रम संयोजक लाॅयन शशांक सक्सेना ने बताया कि समारोह में 20 मातृ शक्ति का सम्मान किया गया। समारोह में सभी मातृ शक्ति को प्रतीक चिन्ह, उपहार और साफा पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में लाॅयन अविनाश भार्गव ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे का जश्न मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में 1914 में इसकी शुरुआत हुई थी। 1908 में अन्ना जार्विस नामक एक महिला ने मुहिम छेड़ी थी और मांग की थी कि माताओं के त्याग और बलिदान के सम्मान में मदर्स डे मनाया जाना चाहिए। वैसे तो मां का दर्जा भगवान से भी ऊंचा है और मां के आदर-सम्मान के लिये वर्ष का एक दिन नहीं पूरा जीवन कम पड़ता है।
मातृ शक्ति जिनका हुआ सम्मान:
श्रीमती पुष्प लता भटनागर, श्रीमती सरोज मरोठी, श्रीमती पुष्पा शर्मा, श्रीमती मीना शर्मा, श्रीमती अंजू जैन, श्रीमती दुर्गेश सक्सेना, श्रीमती कुमुद् भटनागर, श्रीमती मंजू सक्सेना, श्रीमती भारती आचार्य, श्रीमती सुमन भार्गव, श्रीमती अरुणा जांगिड, श्रीमती सुमन गुप्ता, श्रीमती रचना सोनी, श्रीमती पूनम जिंदल, श्रीमती मंजू राजपुरोहित, श्रीमती प्रीति सक्सेना
इनकी रही उपस्थिति:
लाॅयन अनिल शर्मा, लाॅयन अरूण जैन, लाॅयन नीरज भटनागर, लाॅयन उमाशंकर आचार्य, लाॅयन विजय शर्मा, सत्येन्द्र शर्मा, प्रिया सक्सेना, क्षितिज सक्सेना, सौम्य सक्सेना, संकेत भार्गव, यशसत्व जांगिड़

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