बीकानेर। चतुर्थ त्रिदिवसीय नाट्य समारोह “रंग आनंद” की शुरुआत नाटक ” जी हुजूर” से हुई । नाटक के मंचन से पूर्व वरिष्ठ रंगकर्मी ओम सोनी प्रदीप माथुर रवि माथुर और मधु आचार्य आशावादी ने स्व आनंद वी आचार्य एवम मां सरस्वती के चित्रों पर पुष्प एवम दीप प्रज्ज्वलित किया।
नाटक “जी हुजूर” ने भ्रष्टाचार पर करारा व्यंग्य किया है । इस नाटक में एक जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों तथा अधिकारियों को एक अनजान राहगीर सरकारी अफसर बनकर सभी को रुपयों की चपत लगाकर फुर्र हो जाता है और अंत में असली अधिकारियों की आने की सूचना मिलने पर सभी दंग रह जाते हैं ।वो अनजान राहगीर किस तरीके से इनको बेवकूफ बनाता है जिससे की नाटक में काफी हास्यपद स्थितियां बन जाती हैं । इन स्थितियों ने रंगदर्शकों को काफी गुदगुदाया और हंसने पर मजबूर कर दिया । यह नाटक प्रसिद्ध रशियन लेखक निकोलाई गोगोल के नाटक “इंस्पेक्टर जनरल ” का हिंदी और भारतीय रूपांतरण है। इस नाटक के निर्देशक वरिष्ठ रंग निर्देशक लक्ष्मी नारायण सोनी ने बताया कि रंग मंच से काफी दूर रहने के बाद इस नाटक का निर्देशन करना और पत्रों को जुटाना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन प्रदीप भटनागर , अभिषेक आचार्य, एवम मेरे सभी साथी कलाकारों ने मेरे हौसले को बढ़ाया जिसका में हृदय से आभारी हूं ।
विभिन्न पत्रों के रूप में मंच पर प्रदीप भटनागर, जीत सिंह मुंडे , विजय सिंह राठौड़, मो रफीक पठान , रामदयाल राजपुरोहित , मीनू गौड़ , पूनम चौधरी , जसदेव सिंह , दीपांकर चौधरी एवम् अनमोल प्रीत कौर आदि ने अपने अभिनय की छाप रंग दर्शकों पर बखूभी छोड़ी । इस नाटक का प्रकाश प्रभाव मंजू लता रांकावत , मंच प्रबंधन बुलाकी भोजक , संगीत प्रभाव प्रियांशु सोनी, रूप सज्जा शिव कुमार सेन एवम प्रदशन प्रभारी प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित रहे ।इस नाटक का मंचन राजस्थली संस्थान बीकानेर द्वारा किया गया।
संकल्प नाट्य समिति के चतुर्थ त्रिदिवसीय नाट्य समारोह “रंग आनंद” की दूसरी कड़ी में अगली शाम सात बजे स्थानीय टाऊन हॉल में ऊर्जा थिएटर सोसायटी बीकानेर की प्रस्तुति ” इस रात की सुबह नहीं” का मंचन किया जाएगा जिसके लेखक व निर्देशक स्वर्गीय आनंद वी आचार्य थे जिसका पुनर्निर्माण अशोक जोशी ने किया है ।