श्रीगंगानगर। शादी का झांसा देकर घर से भगाई किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल के कठोर कारावास और 60 हजार रुपए जुर्माना की सजा से दंडित किया गया है। यह निर्णय पोक्सो कोर्ट सेकंड की ओर से बुधवार को सुनाया गया। आरोपी युवक को जुर्माना नहीं चुकाने पर एक साल तक अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।
पीडि़ता को प्रतिकर सहायता दिए जाने को जिला विधिक सेवा केंद्र भेजा गया है। एसपीपी नवदीपकौर ने बताया कि श्रीविजयनगर आरसीपी कॉलोनी निवासी 28 वर्षीय अभियुक्त रविंद्रपालसिंह पुत्र वीरसिंह उर्फ बलवीरसिंह को सजा सुनाई गई है। मामले में पीडि़त किशोरी के पिता की ओर से आरोपी के खिलाफ किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप लगाते हुए 29 अप्रैल 2014 को विजयनगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था।
किशोरी और आरोपी को पुलिस ने जलंधर के परजिया गांव से आरोपी के रिश्तेदार के यहां से दस्तेयाब किया गया था। मामले की जांच तत्कालीन आरपीएस अधिकारी रायसिंहनगर सीओ मुकेश सांखला द्वारा की गई थी। पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 5 (एल)/ 6 अर्थात किशोरी का बार-बार शारीरिक शोषण करने के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। दोषी युवक पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर दोषी को एक साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
पोक्सो कोर्ट सेकंड की एसपीपी नवदीपकौर ने बताया कि युवक रविंद्रपालसिंह को मई 2014 में जांच अधिकारी ने गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया था। वह तब से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में ही है। अदालत ने फैसले में कहा है कि उसके द्वारा पुलिस अभिरक्षा और न्यायिक अभिरक्षा में बिताई गई अवधि को मूल सजा में समायोजित किया जाएगा। दोषी सात साल और करीब पांच माह से जेल में बंद है। यह अवधि उसकी मूल सजा में से कम हो जाएगी।
श्रीविजयनगर पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे में तत्कालीन किशोरी के पिता ने युवक पर नामजद केस दर्ज करवाया था। इसमें बताया कि आरोपी युवक उसकी नाबालिग पुत्री को 28 अप्रैल 2014 की रात को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। आरोपी परिवादी के घर से 20 हजार रुपए नकदी और सोने के गहने भी चुराकर ले गया है। पुलिस ने जांच में चोरी के आरोप झूठे पाए। आरोपी ने इस मामले से पहले भी एक बार किशोरी को भगा ले जाने का प्रयास किया था। इसकी सामाजिक पंचायती में आरोपी पक्ष ने माफी मांगी थी।