सियासी गलियारों में राहुल गांधी को लेकर कई तरह की चर्चाएं
कांग्रेस सरकार रिपीट करने में लगा रही ऐड़ी चोटी का जोर

देवेन्द्र वाणी न्यूज़, बीकानेर। विधानसभा चुनाव में अब करीब सवा महीने का समय बचा है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर लगातार एक्सरसाइज कर रही है। वहीं दूसरी ओर सियासत में चर्चा है कि इस बार राहुल गांधी राजस्थान की राजनीति को लेकर कम सक्रिय नजर आ रहे हैं। इसको लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं की जा रही हैं। सियासी जानकार लोगों का मानना है कि सीएम अशोक गहलोत राहुल गांधी की सक्रियता नहीं चाहते हैं। गहलोत नहीं चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ज्यादा इंटरेस्ट दिखाएं। इसके चलते राहुल के कांग्रेस की चुनावी यात्रा में नहीं आने को लेकर यहीं कारण माना जा रहा है। आखिर सीएम अशोक गहलोत के मन में राहुल गांधी की सक्रियता को लेकर क्या डर बना हुआ है और क्यों बना हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राहुल गांधी राजस्थान को लेकर इस बार काफी कम सक्रिय नजर आ रहे है।
बीते दिनों उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार वापिस आने को लेकर एक बयान दिया था। इससे काफी बवाल हुआ। इसमें उन्होंने कहा था कि राजस्थान में कांग्रेस टक्कर में है। उनके इस बयान को बीजेपी ने जमकर हथियार बनाया। वहीं चर्चा है कि गहलोत राहुल गांधी का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। इसके पीछे की वजह सचिन पायलट है।
कांग्रेस की चुनावी यात्रा में राहुल गांधी दिख रहे हैं निष्क्रिय
16 अक्टूबर से राजस्थान में कांग्रेस की ओर से यात्रा शुरू की जा रही है। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस केंद्र को ईआरसीपी मुद्दे को लेकर घेरने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश के जिन 13 जिलों में यह यात्रा निकाली जा रही है, वो सभी ईआरसीपी योजना के अंतर्गत आते हैं। वहां कांग्रेस यात्रा निकालकर ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने पर केंद्र सरकार को जमकर घेरेगी। इस दौरान राहुल गांधी इस चुनावी यात्रा में नहीं दिखाई देंगे। 16 अक्टूबर से शुरू होने वाली इस यात्रा का शुरूआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े करेंगे। जबकि यात्रा के समापन पर 20 अक्टूबर को प्रियंका गांधी वाड्रा दौसा के सिकराय में जनसभा को संबोधित करेंगी।
गहलोत को डर राहुल सक्रिय हुए तो पायलट का बढ़ सकता है प्रभाव
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि सीएम अशोक गहलोत नहीं चाहते कि प्रदेश में राहुल गांधी हस्तक्षेप करें। उसकी वजह सचिन पायलट है। गहलोत इस बात को जानते हैं कि यदि राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान हस्तक्षेप किया तो सचिन पायलट का यहां प्रभाव बढ़ सकता है। क्योंकि पायलट को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और राहुल भी पायलट को पसंद करते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर एक बार फिर सियासी संकट देखने को मिल सकता है। वहीं पायलट के वर्किंग कमेटी का सदस्य होने के बाद उम्मीदवारों के चयन पायलट की भूमिका अहम मानी जा रही है।