सेमीनार

गंगाशहर के शांति बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय का मामला,

हाईकोर्ट ने निदेशक, डीईओ आदि को जारी किए नोटिस

बीकानेर। गंगाशहर के शांति बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय की मान्यता निलम्बित करने के आदेश पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है और इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी व एक अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने १२ नवम्बर को आदेश जारी कर शांति बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय नई लाइन गंगाशहर की मान्यता सत्र २०१८-१९ व २०१९-२० के लिए निलम्बित कर दी। इसमें बताया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल में जांच के दौरान व्यापक अनियमितताएं पाए जाने, कार्मिकों का उपस्थिति रजिस्टर संधारित नहीं होने और जांच दल को स्कूल प्रबंधन की ओर से दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने का हवाला दिया गया। निलम्बन आदेश के खिलाफ स्कूल सचिव कैलाश रतन मोदी ने अधिवक्ता अशोक व्यास के मार्फत राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील की, जिस पर न्यायालय ने १२ नवम्बर को जारी निलम्बन आदेश व जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से विद्यार्थियों की टीसी कटवाकर अन्यत्र प्रवेश दिलाने के आदेश पर रोक लगा दी है।

स्कूल प्रबंधन का आरोप

स्कूल प्रबंधन का आरोप है कि मान्यता निलम्बन में महज पड़ौसी की शिकायत के आधार पर एकतरफा कार्रवाई की गई है, जबकि दोनों संस्थान पृथक-पृथक भवन में संचालित है और शिक्षा विभाग के मान्यता नियमों का पालन किया जा रहा है। विद्यालय सचिव का कहना है कि निदेशक ने भी केवल अंतिम नोटिस जारी कर बिना पक्ष सुने कार्रवाई की है। जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे आदेश जारी कर दिए हैं।

शिक्षा विभाग का पक्ष

जिला शिक्षा अधिकारी उमाशंकर किराड़ू का कहना है कि स्कूल पड़ौसी की शिकायत पर जांच करवाई गइ्र लेकिन स्कूल प्रबंधन ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई। उन्होंने बतायाकि निदेशक व उनके स्वयं के नोटिस का भी स्कूल प्रबंधन ने जवाब नहीं दिया। डीईओ का कहना है कि स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों को भ्रमित कर रहा है। २४ नवम्बर तक विद्यार्थियों की टीसी नहीं काटने के मामले में निदेशक महोदय से मार्गदर्शन मांगा गया है।