त्रिदिवसीय नाट्य समारोह ‘‘रंग आनंद’’ को लेकर रंगदर्षकों, रंगकर्मियों एवं साहित्य जगत के लोगों ने अपनी भारी उपस्थिति से दिखाया खासा उत्साह
बीकानेर। संकल्प नाट्य समिति बीकानेर द्वारा रंगकर्म को समर्पित वरिष्ठ रंगकर्मी, शायर एवं कवि स्व. आनंद वी. आचार्य की स्मृति में होने वाले त्रिदिवसीय नाट्य समारोह ‘‘रंग आनंद’’ की शुरूआत स्व. आनंद वी. आचार्य एवं माँ सरस्वती के छाया-चित्रों को माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई। स्व. आनंद वी. आचार्य एवं माँ सरस्वती के चित्र के आगे पुष्पाजंली एवं दीप प्रज्वलन बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी कैलाष भारद्वाज, प्रदीप भटनागर, ओम सोनी, बुलाकी भोजक, कामेष सहल, इकबाल हुसैन के साथ इस वर्ष के ‘‘रंग आनंद’’ अवार्ड से सम्मानित होने वाले श्री एस.डी. चैहान के साथ-साथ कला से विषेष स्नेह रखने वाले गोस्वामी सुषील जी महाराज के द्वारा किया गया। इस आयोजन को बीकानेर के सभी रंगकर्मियों को प्रतिक्षा रहती है और इसका सबूत उनकी भारी उपस्थिति ने दिया। रंगकर्मियों के अलावा रंगमंच से स्नेह रखने वाले रंग दर्षकों ने अपनी उपस्थिति टाॅऊन हाॅल को पूरी तरीके से ऊपर से नीचे भरकर दर्ज करवायी।
‘‘रंग आनंद’’ के इस नाट्य आयोजन के पहले दिन नाटक ‘‘पिताजी की बंद पेटी’’ का मंचन किया गया इस नाटक में एक संयुक्त परिवार की कहानीे है जिसमें दो भाई अपनी-अपनी पत्नियों व अपने रिटायर्ड 70 वर्ष के पिताजी के साथ रह रहे हैं। हालांकि ये पुरा परिवार एक ही घर में रहते है परन्तु दोनों भाई एवं उनकी पत्नियां जायदाद को लेकर आपस में नोंक-झोंक करते रहते हैं। लेकिन उन सभी की सबसे बड़ी उत्सुकुता पिताजी की उस बंद पेटी एवं उसके रखे सामान के लिए होती है जिसको पिताजी ने लोहे की जंजीर व बड़े से ताले से बंद कर रखा है। अनेक रोचक घटनाओं के बाद आखिर पिताजी को मजबूरन बंद पेटी को खोलना पड़ता है तो रहस्य खुलने के साथ ही पूरे परिवार को फिर से एक सूत्र में बांध देता है। ‘‘पिताजी की बंद पेटी’’ नाटक का लेखन योगेष त्रिपाठी एवं निर्देषन मंजूलता रांकावत ने किया। इस नाटक में पिताजी की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी जीतसिंह ने अपने अभिनय कौषल से दर्षकों के दिल को छूआ। माताजी की भूमिका में मीनू गौड़, रघु की भूमिका में करण जोषी (कन्नू), सुनंदा की भुमिका में मनीषा स्वामी, छोटे की भूमिका में गौरव पारीक एवं शांता की भूमिका में रिया मोटवानी ने अपनी अभिनय की अमिट छाप छोड़ी। इस नाटक के प्रदर्षन में मंच पाष्र्व के रूप में संगीत-अविनाष जोषी, प्रकाष प्रभाव-पंकज व्यास, मंच सज्जा-वसीम राजा एवं मंच सामग्री-दीपांषु पाण्डे ने अपना सहयोग दिया।
‘‘रंग आनंद’’ नाट्य समारोह को बीकानेर के रंगकर्मियों के साथ बीकानेर के रंगदर्षकों का भी भरपूर प्यार हर बार की तरह मिला। इस आयोजन के साक्षी बीकानेर के वरिष्ठ, युवा एवं नये रंगकर्मी तथा साहित्य जगत के भी कई लोग रहे जिनमें कैलाष भारद्वाज, प्रदीप माथुर, इकबाल हुसैन, राजेन्द्र जोषी, सुनील गज्जाणी, धीरेन्द्र आचार्य, कामेष सहल, अषोक जोषी, दयानंद शर्मा, मोहम्मद रफीक पठान, सुरेष आचार्य, अहमद हारून कादरी, रफीक कादरी, संगीता शर्मा, पुनम चैधरी आदि रहे । इस आयोजन का मंच संचालन करते हुए हरीष बी. शर्मा ने स्व. आनंद वी. आचार्य की रंगयात्रा के बारे में बताया व उनके जीवन पर प्रकाष डाला।
‘‘रंग आनंद’’ नाट्य समारोह की अगले दिन की प्रस्तुति हरिषंकर परसाई की कहानियों पर आधारित नाटक ‘‘हैल्ला! मिस्टर परसाई’’ का मंचन टाऊन हाॅल में सांय 7 बजे होगा इस नाटक का नाट्य निर्माण सुरेष आचार्य ने किया है।