बीकानेर। कोरोना के कारण प्रभावित राज्य के करीब चालीस लाख स्टूडेंट्स की पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। गुरुवार को जयपुर में हुई बैठक में पाठ्यक्रम व परीक्षा को लेकर बने प्रस्तावों पर आला अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसी आधार पर एक ड्राफ्ट तैयार करके अब शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा को भेजा जाएगा, जहां से अंतिम निर्णय होगा। उधर, कक्षा एक से आठ तक का सिलेबस करीब पचास फीसदी तक समेटने का निर्णय हो चुका है, वहीं नौंवी से बारहवीं की परीक्षा को लेकर भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से रिपोर्ट मांगी गई है। इन कक्षाओं का सिलेबस पहले ही 60 फीसदी हो चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि कक्षा एक से आठ तक के स्टूडेंट्स का सिलेबस कम करने का निर्णय हो चुका है। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जल्दी ही विभाग की वेबसाइट पर भी जारी हो जाएगी। वहीं कक्षा नौ से बारह तक का सिलेबस माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पहले ही कम कर चुका है, उससे ज्यादा कम नहीं किया जायेगा। परीक्षा और पास होने के लिए निर्धारित अंकों में बदलाव करने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है, यह शासन इस ड्राफ्ट में अपने स्तर पर कोई भी परिवर्तन कर सकता है।
एसआईईआरटी तय करेगा नीति
कक्षा एक से आठ तक के स्टड़ेंटस की परीक्षा कैसे करवानी है और परीक्षा सिलेबस को किस तरह से आगे बढ़ाना है, यह राजस्थान स्टेट कौंसिल ऑफ एज्यूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेेनिंग (एसआईईआरटी) उदयपुर तय करेगा। कक्षा एक से आठ तक का आधा सिलेबस किया गया है, जिसकी सूचना भी एसआईईआरटी अपनी साइट पर जारी करेगा कि कौनसा पाठ हटाया गया है और कौन सा जोड़ा गया है। स्वामी ने बताया कि सिलेबस कम करने का निर्णय पहले ही हो चुका है।
आगे की तैयारी पर हुई विस्तृत चर्चा
इस बैठक में आगे की तैयारियों पर चर्चा की गई। कोरोना के कारण स्कूल वापस कब खोले जा सकते हैं? परीक्षाओं का आयोजन कब हो सकता है? इन सवालों पर अधिकारियों ने अपने विचार रखें, इसी आधार पर ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। सूत्रों की मानें तो परीक्षाओं का आयोजन करीब दो महीने विलम्ब से हो सकता है। हालांकि स्पष्ट रूप से अधिकारी अभी इस मुद्दे पर कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं है।