आखिरकार राज्य सरकार ने पांच माह के बाद नायब तहसीलदारों को अनुभव में छूट देते तहसीलदार पद पर पदोन्नत किए जाने का रास्ता साफ कर दिया है।
राजस्व विभाग ने इसके लिए राजस्व मंडल के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए मार्गदर्शन जारी कर दिया है।
इससे अब अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी व नायब तहसीलदार पद से तहसीलदार पद पर डीपीसी 2021-22 की पदोन्नति में 3 साल का अनुभव रखने वाले नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाया जाएगा। इससे राज्य में करीब 70 नायब तहसीलदारों को पदोन्नति मिलेगी और वे तहसीलदार बनेंगे। तहसीलदार पदों की वर्ष 2021-22 की डीपीसी प्रक्रिया राजस्व मंडल को मार्च से पहले पूरी करनी होगी। इससे पहले ही राजस्थान लोक सेवा आयोग से सहमति भी लेनी होगी।
इसलिए जरूरी थी अनुभव में छूट..
यदि छूट नहीं दी जाती है तो अनुभव के आधार पर मात्र एक कार्मिक ही तहसीलदार पद पर पदोन्नत होता। अब अनुभव में छूट मिलने के बार करीब 70 को पदोन्नति मिलेगी।
नायब तहसीलदारों की वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक की लगभग 251 पदों की अर्थना एवं नायब तहसीलदार पद की वर्ष 2020-21 आगामी वर्षों की डीपीसी का आयोजन अभी तक लंबित है।
इसलिए तहसीलदार पदों में भी भारी कमी है तथा नायब तहसीलदार व प्रशासनिक अधिकारियों को पूर्ण अनुभव भी नहीं हो पाया है। छूट मिलने के बाद अब डीपीसी में गति आएगी।
200 तहसीलों में तहसीलदार नहीं..
राज्य की 200 तहसीलों में तहसीलदार के पद रिक्त चल रहे है। यहां नायब तहसीलदारों को ही चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है। यही हाल उप पंजीयक कार्यालयों का भी है।
राज्य में तहसीलदारों के 62 प्रतिशत पद खाली चल रहे है जबकि नायब तहसीलदारों के 49.4 प्रतिशत तथा उपपंजीयक 66 प्रतिशत पद रिक्त हैं।
तहसीलदारों के कुल स्वीकृत 670 पदों में मात्र 254 ही कार्य कर रहे हैं तथा 416 पद अभी भी रिक्त पड़े हैं। कार्यरत 254 में से भी 41 एडहॉक आरएएस अधिकारी सम्मिलित है।
नायब तहसीलदारों के स्वीकृत पद 971 है। जबकि, कार्यरत केवल 492 कार्यरत हैं, 479 पद रिक्त हैं।
उप पंजीयक के स्वीकृत 114 में से 87 पद रिक्त हैं केवल 27 उप पंजीयक ही कार्यरत हैं। राज्य के एक-दो को छोड़कर ऐसा कोई जिला नहीं है जहां तहसीलों में तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पद रिक्त नहीं है। पदों को भरने के लिए जिलों के कलक्टर राजस्व मंडल अध्यक्ष को लगातार पत्र लिख रहे हैं।