पांचू. एक तरफ राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाओं को लेकर दंभ भर रही है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों को सरकार द्वारा अनदेखा किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में रोष है। ऐसे में शुक्रवार सुबह गांव की रूपलाई नाड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सियागों की ढाणी खुलते ही ग्रामीणों व बच्चों ने स्कूल के मुख्य गेट पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए और शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक चारों स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पद भरे नही जाते है। तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।  पांचू कस्बे में चार उच्च माध्यमिक विद्यालय है लेकिन एक भी स्कूल में विज्ञान व वाणिज्य संकाय नही है। ऐसे में कस्बे के बच्चों को इन संकाय की पढ़ाई लिए नजदीक गांव या नोखा व बीकानेर जाना पड़ता है। जबकि नोखा उपखंड क्षेत्र का पांचूसबसे बड़ा गांव है। यहां खण्ड शिक्षा विभाग कार्यालय है। ग्रामीणों ने बताया कि विज्ञान व वाणिज्य संकाय की मांग कई बार जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। इस अवसर पर बंशीधर शर्मा, किशन सियाग, हुकमाराम गोदारा, रुघाराम सियाग, गंगाराम सियाग, शंकरलाल साउ, ओमप्रकाश डूडी, उमाराम थोरी, मोटाराम डूडी, भंवरलाल, उमाराम सियाग, खेमाराम राड़, हरिराम शर्मा, रामचंद्र भाम्भू सहित बड़ी संख्या में बच्चे व ग्रामीण मौजूद रहे।

गौरतलब रहे कि रूपलाई नाडीके विद्यालय में 16 पद स्वीकृत है। इनमें ङ्क्षहदी, राजनीति विज्ञान व भूगोल विषयों के तीन व्याख्याता पद रिक्त है। एक प्रधानाचार्य का पद भी खाली है। द्वितीय श्रेणी अध्यापक के छह पद स्वीकृत है इनमें ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, संस्कृत व विज्ञान विषयों के चार पद खाली है। दो अध्यापक की ड्यूटी है। उनमें से भी एक शिक्षक अवैतनिक अवकाश पर चल रहा है। तृतीय श्रेणी अध्यापक के चार पद स्वीकृत है जिनमें सिर्फ दो अध्यापक कार्यरत हैं। इसमें भी एक की ड्यूटी बूथ लेवल अधिकारी के तौर पर लगी है। कनिष्ठ सहायक प्रतिनियुक्ति पर चल रहा है और शारिरिक शिक्षक की ग्रामीण ओलंपिक में ड्यूटी लगी है। ऐसे में सिर्फ तीन अध्यापकों द्वारा विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इसमें भी एक अध्यापक के पास प्रधानाचार्य का चार्ज है, दूसरे अध्यापक की ड्यूटी बूथ लेवल अधिकारी के तौर पर लगी है। ऐसे में एक तृतीय श्रेणी अध्यापक के भरोसे 400 बच्चों का भविष्य है।