बीकानेर, मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय सचिव, आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता  एन डी कादरी के अनुसार राजस्थान की दहलीज पर  AIMIM की दस्तक, सुत्र अनुसार जिले की सात में से तीन सीट से चुनाव लड़ा जाएगा । क्या कांग्रेस ने मुस्लिम राजनीति को खत्म कर दिया ? वोट हमारा और राज तुम्हारा हमको बाबा जी का ठुल्लू आखीर कब तक ? देश में लगातार बहुसंख्यक समाज के वोटों का तेजी से ध्रवीकरण हो रहा है। मुस्लिम समाज इसके लिए कांग्रेस पार्टी को भी बराबर का हिस्सेदार मान रहा है। आज बिना वजह देश का मुसलमान खोफ के साए में जी रहा है । कोई उसको दिलासा देने वाला भी नहीं है। सन 2018 के विधानसभा चुनावों में राज्य के मुसलमानों ने एक होकर शत प्रतिशत वोट कांग्रेस को दिए। कांग्रेस सरकार की बनी लेकिन तुष्टिकरण के आरोप ना लग जाए। कांग्रेस के नेताओं ने मुसलमानों का हर क्षेत्र में तिरस्कार किया। 17 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। माननीय अशोक गहलोत मुख्यमंत्री और सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री बने । कुल 21 मंत्री बनाएं गए । मुसलमानों में एक सालेह मोहम्मद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया । विभागों में वक्फ और अल्पसंख्यक मामलात का लॉलीपॉप थमा दिया कोई पॉवर नहीं । इससे तो पूर्व भाजपा सरकार में वसुन्धरा राजे सिंधिया ने युनुस खान को कई पॉवरफुल मंत्रालय देकर नम्बर सेकंड का दर्जा दे रखा था । अभी करीबन छः महीने पहले मे व समाज की जाहिदा बेगम को मुद्रणालय विभाग का स्टेट मिनिस्टर बना कर मुसलमानो के दुध पीते बच्चे की तरह मुंह मे निप्पल पकड़ा दिया। राजस्थान के मुसलमान क्या इस राजनीति को समझ नहीं रहा है । सत्ता में उसकी क्या हैसियत है। क्या उसका अंदाजा उसे नहीं है । राजस्थान के मुस्लिम समाज ने कभी भी जातिगत राजनीति नहीं की है। न शायद करेगी कभी भी, ओवैसी को कोई तवज्जो नहीं दी है। कांग्रेस ने मुस्लिम समाज के बच्चों की जायज मांग मुस्लिम महासभा द्वारा उर्दू एवं मदरसा शिक्षा सहयोगियों को नियमित करने की मांग रखी गई। जिसे कांग्रेस इतने लंबे समय बाद भी टस से मस नहीं हों रही, इतना ही नहीं मुस्लिम महासभा ने समाज की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा मुख्यमंत्री महोदय के पास न ही संगठन से बात करने का समय है। ऐसे में मुस्लिम समाज कहां और किस पर कैसे विश्वास करें । लेकिन अब बहुत हो गया भाजपा में तो मुसलमानो को कोई लिफ्ट नहीं है। और कांग्रेस भी यदि मुसलमानो को छिटकाकर रखेगी तो मुसलमान कब तक तमाशबीन बना देखता रहेगा। यदि कांग्रेस और भाजपा दोनों को मुसलमानो को जरूरत नहीं है। तो मुसलमान  AIMIM के दरवाजे पर क्यों नहीं जायेगा । एैसी जानकारी मिली है कि पिछले काफी समय से ।प्डप्ड के ओवैसी से वार्तालाप की जा रही है। और उनके लोग बीकानेर सहित प्रदेश के दौरे समय समय पर कर लोगो से संपर्क साध रहे हैं। सुनने में आया है कि खुलें दिल से लोगों को साथ आने का निमंत्रण दे रहे हैं। इतना ही राजस्थान की अनेक सीटों सहित बीकानेर जिले में तीन जगहों, बीकानेर पूर्व, बीकानेर पश्चिम और खाजूवाला जगहों से  AIMIM के झंडे तले चुनाव लड़ना तय सा हो गया है । खाजुवाला के मुसलमानों और दलितों में बहुत भारी खोफ है और जबरदस्त रोष है,    लोग वक्त का इन्तजार कर रहे हैं। कई दलित नेता  AIMIM के पतंग के निशान पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं । यही हालात कमोवेश बीकानेर पश्चिम और बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के हैं । मुस्लिम नेताओं का मानना है कि हम तो डूबे डूबे सनम, जो मुसलमानों से कांग्रेस के नेता छुआछूत जैसा व्यवहार कर रहे हैं। उनको भी किसी भी हालत में जीतने नहीं दिया जाएगा। 2023 में बीकानेर सम्भाग में ओवैसी की पार्टी एक ताकत बन कर उभर सकती जिससे बचने के लिए कांग्रेस को अभी से सचेत होकर चिंतन कर जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करने की जरूरत है।