बीकानेर, धोखाधड़ी के मामले में पिछले दस साल से फरार इनामी बदमाश को स्टेंङ्क्षडग वारंटी टीम ने पकड़ा है। आरोपी को नयाशहर पुलिस के सुपुर्द किया गया है। आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए कई रूप धरे, काम बदले लेकिन फिर भी वह पुलिस से बच नहीं पाया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अमित बुड़ानिया ने बताया पूगल फांटा बस स्टैंड क्षेत्र निवासी गिरधारी लाल पुत्र केशराराम जाट को पकड़ा है। उक्त आरोपी को गुरुवार अल सुबह स्टेंङ्क्षडग वारंटी टीम के प्रभारी एएसआइ सुभाष, कांस्टेबल सुभाष, विष्णु व प्यारेलाल ने श्रीडूंगरगढ़ के टेऊ गांव में दबिश देकर पकड़ा। गौरतलब है कि आरोपी गिरधारी के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों से आठ प्रकरणों में फरार घोषित है। आरोपी एक हजार रुपए का इनामी है।

यूं आया पकड़ में
एएसपी बुड़ानिया ने बताया कि आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए अपना नाम व हुलिया तक बदल लिया है। वह हुलिया व नाम बदल-बदल कर प्रदेश के विभिन्न शहरों में रहा। उसने भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, जोधपर रहा। स्टेंङ्क्षडग वारंटी टीम पिछले करीब दो महीने से आरोपी के पीछे लगी थी। आरोपी के भीलवाड़ा में होने की सूचना मिली। आरोपी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता। ऐसे में ट्रेस करना मुश्किल हो रहा था। टीम को आरोपी के बारे में भीलवाड़ा से सूचना मिली। उसने भीलवाड़ा में कपड़े बेचने व सिलने का काम किया। जोधपुर में मार्केङ्क्षटग का काम करता था। मार्केङ्क्षटग के सिलसिले में ही श्रीडूंगरगढ़ आया। दो दिन पहले टीम प्रभारी को पता चला कि गिरधारी लाल श्रीडूंगरगढ़ के टेऊ गांव में किसी काम से आया था। तब पुलिस टीम ने छापा मारकर दबोच लिया।

धोखाधड़ी करने आरोपी की आदत
एएसआइ सुभाष ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीकानेर के अलावा जयपुर में भी धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज हैं। आरोपी मूलरूप से सूडसर गांव का रहने वाला है। दस साल पहले पूगल फांटे पर मिठाई की दुकान चलाता था। यहां पर धोखाधड़ी कर भीलवाड़ा भाग गया।