नोखा. पंचायत समिति की साधारण सभा गुरुवार को प्रधान रामप्यारी देवी तर्ड की अध्यक्षता में हुई। इसमें वर्ष 2021-22 मनरेगा की वार्षिक कार्ययोजना का सर्वसम्मति से जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुमोदन किया गया। बीडीओ मेजर अली ने बैठक का एजेंडा सदन के समक्ष रखा। इसके बाद सभी विभागों की क्रमवार चर्चा की गई। इसमें क्षेत्र की समस्याओं पर विचार-विमर्श कर समाधान के प्रस्ताव तैयार किए गए। जनप्रतिनिधियों का कहना था कि जब उनके मुद्दों पर सुनवाई नहीं होती तो बैठकों में आने का औचित्य नहीं है। बैठक में जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों के बीच तकरार भी हुई। इस दौरान प्रधान तर्ड ने कहा कि अधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का समझते हुए जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही कर राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास करें।

प्रतिनिधियों ने मुद्दे उठाए
बैठक में महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके प्रतिनिधियों ने मुद्दे उठाए। सवाईङ्क्षसह चरकड़ा ने जीओ स्वीच व वीसीपी उपलब्ध नहीं होने को समस्या बताया। कैलाशचंद गोदारा ने लालमदेसर बड़ा में जर्जरबिजली पोल को बदलने की मांग की। गिरधारी बगसेऊ ने जीएसएस पर संविदा कर्मचारियों पर ड्यूटी से नदारद रहने की बात कही। मनोज कुलडिय़ा ने अणखीसर में 300 से अधिक पोल जर्जर होने औरशिकायत के बाद भी नहीं बदलने की समस्या बताई। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाए कि गांवों में नलकूप चलाने के लिए ठेकेदार ने कई जगह कर्मचारी ही नहीं रखे हैं, जो रखे हैं, वे आते ही नहीं और लोङ्क्षरग, लीकेज, मोटर रिपेयर वाले ठेकेदार फोन नहीं उठाते हैं। बिना काम ठेकेदार कागजों में फर्जीवाड़ा कर भुगतान उठा रहे हैं। प्रधान ने कहा कि जो ठेकेदार काम नहीं करता, भुगतान रोककर ब्लैकलिस्ट करो। ओमप्रकाश बिश्नोई ने हिम्मटसर पीएचसी पर कार्यरत डॉक्टर के महीने में दस दिन आने की शिकायत की। मंसूरी की सरकारी स्कूल में शिक्षकों के तालमेल की कमी होने की शिकायत की गई। काकड़ा व ङ्क्षसजगुरु में सरकारी स्कूलों की समस्याएं बताई गई।

बीडीओ पर लगाए आरोप, प्रस्ताव पारित
बैठक में सरपंच श्रीभगवान ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले बीडीओ अभिमन्यु चौधरी द्वारा मनरेगा सामग्री मद में भुगतान वरीयता अनुसार नहीं किया गया। चेहते सरपंचों को अनियमित तरीके से भुगतान किया गया। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग सदन के समक्ष रखी। बिना प्रशासन एवं स्थापना स्थाई समिति की सहमति से मनमाने तरीके से ग्राम विकास अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए हैं, जो स्थाई समिति व प्रधान अधिकारों का हनन है। सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से बीडीओ के विरुद्ध ङ्क्षनदा प्रस्ताव पारित कर कार्यवाही करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाने का निर्णय लिया गया।