बीकानेर. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत में सोमवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि राजस्थान में दो साल से करंट है। यहां के खेती-किसानी के मुद्दों को लेकर किसान तैयारी करें। एक बड़ा आंदोलन यहां भी करेंगे और चीजों को ठीक कराएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एमएसपी के लिए नए सिरे से नियम बनाने होंगे, ताकि किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके। वर्तमान एमएसपी से किसान का शोषण हो रहा है। बाजरा, मूंगफली, सरसों की खरीद एमएसपी पर होनी चाहिए। व्यापारी पहले फसल खरीदकर होल्ड करता है, फिर ऊंची कीमत पर बेचता है। टिकैत ने कहा कि सरकार के एजेंडे में काम करना नहीं है, वह चाहती है पशुधन समाप्त हो। जिस तरह केन्द्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई। दूध की पॉलिसी भी लेकर आ रही है। इसके बाद दूध कारोबार भी बाहर की कम्पनियाें को सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में किसान बैठकें कर लोगों को जागरूक करें। शहर में आकर किसान आंदोलन करें तो ज्ञापन देने प्रशासन के पास ऑफिस में नहीं जाएं। सक्षम अधिकारी को किसानों के बीच आकर ज्ञापन लेने और किसानों के मुद्दों पर बात करने के लिए मजबूर करें। किसान संगठित होगा, तो अधिकारी किसानों के बीच आकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे।

सभी मुद्दों पर सरकार से बातचीत करेंटिकैत ने कहा कि नहर, जमीन, डेम, भारत माला सड़क परियोजना आदि सभी मुद्दों को लेकर एक बार प्रदेश सरकार से किसान बातचीत करें। सरकार नहीं माने तो एक आंदोलन राजस्थान में भी करेंगे। किसान यूनियन गाइडलाइन जारी करे कि हर महीने के तीसरे बुधवार को किसान दिवस होगा। इस दिन जिला कलक्टर कार्यालय में बैठकर किसानों की समस्याओं को सुनें और समाधान करें। आमने-सामने बैठकर बातचीत करें, कोई नारेबाजी नहीं करें। इससे जिला स्तर की समस्याओं का समाधान होगा। टिकैत ने चेताया कि सरकार की नजरें किसानों की जमीनों पर है। हाइवे के दो सौ मीटर दायरे में कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं करेंगे। इससे फुटकर दुकानदारों के रोजगार छिनेंगे। वह भी किसानों के साथ आएंगे। अब विपक्ष भी नहीं बोलता। उनके भी कागज पत्र सत्ताधारी दल निकाल कर रखते हैं। डराते हैं कि बोले, तो जेल जाना पड़ेगा। किसान नेता राजाराम, युद्धवीर सिंह, पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल, विधायक गिरधारी महिया, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण कुमार सारण ने भी अपने विचार रखे। मंच पर पूनमचन्द नैण, शिवदान मेघवाल, रामगोपाल बिशनोई, ताहिर खान, राधाकिशन ज्याणी, तोलाराम ज्याणी, खिराजराम जाखड़, रामरतन जाखड़, डेयरी चेयरमैन नोपाराम जाखड़, हेतराम डूडी, चन्द्राराम आर्य आदि मौजूद रहे।

विपक्ष एकजुट होटिकैत ने कहा कि विपक्ष वाले भी कई प्रधानमंत्री बनना चाह रहे हैं। लेकिन कोई लड़ना नहीं चाह रहा है। जब तक लड़ाई नहीं लड़ेंगे, तब तक ऐसा ही होता रहेगा।