जयपुर। निजीकरण के विरोधमें राज्य के सरकारी बैंक कर्मचारी लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर रहेंगे। इसके बाद रविवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते बैंक बंद रहेंगे। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 16 और 17 दिसंबर (गुरुवार और शुक्रवार) को बैंकों में हड़ताल रखी गई है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ( United Forum of Bank Unions ) के संयोजक महेश मिश्रा ने बताया कि दो दिन की इस हड़ताल ( two-day strike ) मेें राजस्थान के 25,000 बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, इससे दो दिनों में करीब 10 हजार करोड़ का लेन देन प्रभावित होगा। दो दिन तक राज्य की 4000 से भी अधिक शाखाओं पर ताले लगे रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के 6650 एटीएम में हड़ताल के दौरान पैसा नहीं भरा जाएगा।

क्या है हड़ताल की वजह
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की थी। मोदी सरकार कई सरकारी कंपनियों के साथ-साथ कुछ बैंकों के निजीकरण के जरिए इतनी रक़म जुटाएगी। बैंक कर्मचारी संघ वर्तमान सत्र में मौजूदा कानूनों में संशोधन करके दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के प्रस्तावित कदम का विरोध कर रहे हैं।
बैंकों ने अपने ग्राहकों को किया अलर्ट
एसबीआई ने अपने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। बैंक ने एक ट्वीट में कहा, महामारी की स्थिति को देखते हुए, हड़ताल का सहारा लेने से हितधारकों को बड़ी असुविधा होगी।यूको बैंक ने भी अपनी यूनियनों से ग्राहकों के हित में देशव्यापी बैंक हड़ताल को वापस लेने का अनुरोध किया है। इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने यूनियनों से कहा है कि वे अपने सदस्यों को बैंक के समग्र विकास के लिए अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने को अधिकतम प्रयास करने की सलाह दें।