बीकानेर। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत च्दलहनी फसलों में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन एवं भंडारणज् विषयक कृषक प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भम्रण का आयोजन शनिवार को नोखा के सिंझगुरु गांव में किया गया।
एसकेआरएयू के कृषि महाविद्यालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में परियोजना अधिकारी प्रो. अनिल कुमार शर्मा ने किसानों को उनके खेत पर स्वयं का बीज तैयार करने की तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि किसान अपना बीज स्वयं बनाकर लागत मूल्य कम कर सकते हैं तथा अच्छी गुणवत्ता का बीज होने के कारण उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं। कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत ने चने की फसल में फसल उत्पादन तकनीकी पर चर्चा की तथा उन्नत किस्मों में जल, उर्वरक तथा खरपतवार प्रबंधन के बारे में बताया। उन्होंने जैविक खेती तथा एनपीके छिड़काव के बारे में जानकारी दी।
सह परियोजना अधिकारी डॉ. विजय शंकर आचार्य ने दलहनी फसलों में लगने वाले कीट एवं रोगों तथा इनके निदान के बारे में बताया। उन्होंने फसल उपरांत दलहनी फसलों से प्राप्त बीजों को अगेती फसल के लिए भंडारण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। सहायक कृषि अधिकारी श्रीराम विश्नोई ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। अनुसंधान अध्येता शिव भगवान ने कार्यक्रम का संचालन किया।  इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने क्षेत्र भ्रमण किया तथा चने व गेहूं की फसलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को आवष्यक तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। कृषि महाविद्यालय द्वारा शुक्रवार को बज्जू में कृषक प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान इंजीनियर जे. के. गौड़ ने जल प्रबंधन की विभिन्न विधाओं के बारे में जानकारी दी।