सुमित व्यास की कलम से

देवेन्द्र वाणी न्यूज़, बीकानेर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष बचा है। ऐसे में बीकानेर पश्चिम से भाजपा दावेदारों में ज्यादातर कर्मचारी नेता ही दावेदारी जता रहे है जमीनी नेता का कहे तो अभी तक कोई चेहरा सामने नहीं आया है। हालाँकि दावेदार अथक प्रयास में लगे है की कैसे भी हो टिकट मिल जाये। बीकानेर पश्चिम भाजपा से विजय आचार्य, गोकुल जोशी, जेठानन्द व्यास, दिलीप जोशी, अविनाश जोशी, भंवर पुरोहित, महेश व्यास, अरुण आचार्य दंगल में जोर आजमाइश में लगे है। बात करे कर्मचारी नेताओ की तो महेश व्यास, दिलीप जोशी, भंवर पुरोहित का नाम आता है और ये तैयारियों में लगे है। सभी दावेदार मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को रिजाने में लगे है। कल स्थानीय किराडू बगेची में करीब 14 संस्थानों द्वारा मंत्री जी का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया और श्रेय महेश व्यास ने लिया वहीं अरुण आचार्य जो एनआरआई है लम्बे समय से भारत से बहार प्रवास करते है अचानक बीकानेर पश्चिम से दावेदारी जनता के हलक से नहीं उतर रही है। कर्मचारी नेता भंवर पुरोहित की बात करे तो चुनाव नजदीक आते ही तैयारी में लगते नजर आते है बाकि 4 चार साल आमजन में सक्रीय होने के बजाय अंतिम समय में सक्रियता भी जनता को हजम नहीं होती। भाजपा के पास गोपाल जोशी के बाद अगर विकल्प बचता है तो वो है गोकुल जोशी जिनके पास गोपाल जोशी के नाम के अलावा स्वयं का कोई राजनैतिक अस्तित्व नजर नहीं आता है पर गोपाल जोशी जैसे कदावर नेता के परिवार का जनता पर काफी फर्क पड़ता है। ऐसे ही भाजपा नेता अविनाश जोशी का कह सकते है कि वे भी कदावर नेता मक्खन जोशी के परिवार की रॉयलटी के अलावा अपना वर्चस्व राजनीति में कितना बना पाए है ये जग जाहिर है। विजय आचार्य स्वच्छ छवि के राजनेता होने के साथ पदाधिकारी भी है पर उनके पास जनता का हुजूम कितना है ये वक्त बताएगा। कर्मचारी नेता दिलीप जोशी लम्बे समय से बीकानेर में परिवर्तन लाने के लिए अथक प्रयास करते है पर चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट न मिलने पर अपना रुख बदल लेते है। वही हिन्दू नेता जेठानन्द व्यास के साथ केवल हिन्दू कार्ड पर चुनाव लडऩे के अलावा कोई और जनाधार नहीं है। अब देखना ये है कि पार्टी किसके ऊपर विश्वास जताये और किसे साथ रख पाए ये तो आने वाला समय ही बता पायेगा।