देवेन्द्रवाणी न्यूज,बीकानेर। इंजीनियरिंग कॉलेज के नियमित अशैक्षणिक कार्मिकों की सेवाएं उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेशों की पालना में सुचारू कर वेतन भुगतान करने की मांग को लेकर भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक महावीर रांका ने राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि सत्र 2018 में अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में 18 अशैक्षणिक पदों पर नियमित नियुक्तियां की गई थी। राजनीतिक दुर्भावनावश चार वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरान्त भी इन कार्मिकों को नियमानुसार परिलाभ प्रदान नहीं किये गए। एक कार्मिक की असमय मृत्यु हो गई जिसकी विधवा पत्नी को भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर ही इन कार्मिकों को मार्च 2022 को अचानक ही सेवाएं समाप्त करते हुए कार्यमुक्त कर दिया गया। जिस पर इन कार्मिकों द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका संस्थित किये जाने पर न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया। परन्तु महाविद्यालय प्रशासन ने स्थगन आदेश की पालना नहीं की। लगभग 60 दिवस व्यतीत होने पर कार्मिकों द्वारा अवमानना याचिका संस्थित किये जाने पर महाविद्यालय ने उच्च न्यायालय की खण्डपीठ में एकलपीठ के स्थगन आदेश के विरूद्ध स्पेशल अपील दायर की। रांका ने बताया कि सात मई 2022 व 24 जनवरी 2023 को उच्च न्यायालय में इस संबंध में आदेश दिए है। किन्तु ईसीबी प्रबंधन द्वारा कोर्ट के किसी आदेश को नहीं माना जा रहा है। उन्होनें कहा कि दस माह से इन कार्मिकों को वेतन भुगतान भी रुका हुआ है एवं न्यायिक प्रक्रियाओं में व्यय भी बढ़ रहा है। कार्मिकों का जीवन यापन परिवार का भरण पोषण दुर्भर हो गया है। रांका ने इन कार्मिकों को वेतन का भुगतान कर सेवाएं सुचारू करने की मांग की है।