चित्तौड़गढ़ जिले में यूरेनियम के भंडार होने की संभावना के चलते खोज का काम जारी है। परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय हेलीकॉप्टर पर लटकाए डिवाइस के जरिए क्षेत्र में खनिज भंडारों की खोज के काम में जुटा है। जिला प्रशासन ने बताया कि परणाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान परिषद की ओर से क्षेत्र में मूलत: यूरेनियम सहित अन्य खनिजों के भंडारों की खोज के लिए हवाई सर्वे के लिए आवेदन मिला था। जिसकी मंजूरी के बाद वह हेलीकॉप्टर के जरिए खनिजों की खोज के काम में जुटे हैं। हेलीकॉप्टर में लटके डिवाइस जिसे लूप कहा जाता है, के जरिए खनिज भंडारों की खोज का काम जारी है। दिन में तीन बार हेलीकॉप्टर उडान भरकर खनिजों की खोज के लिए सर्वे के काम में जुटा है। सर्वे के लिए आवश्यक अनुमति रक्षा मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय से मिलने के बाद जिला प्रशासन ने दे दी थी। पुलिस लाइन में बने हेलीपैड के जरिए हेलीकॉप्टर की उडान और टेक ऑफ़ की प्रक्रिया जारी है। सर्वे के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग के भू-वैज्ञानिक, भू-भौतिकीय वैज्ञानिकों और टेक्नीशियनों की टीम जुटी है। वह परमाणु खनिज विभाग के नक्शे के मुताबिक चिह्नित क्षेत्र में आधुनिक उपकरणों के जरिए जमीन में खनिज भंडारों का पता लगाने के लिए स्कैनिंग कर रहे हैं।
उपखंड अधिकारी श्याम सुंदर विश्नोई ने बताया कि कनाड़ा की कंपनी गैसेस जियोटेट एयरबोर्न लिमिटेड और मैसर्स हिमालयन हेली सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं इस सर्वे में ली जा रही है। अस्थाई हेलीबेस पर हेलीकॉप्टर ऑपरेटर द्वारा अग्निशमन उपकरण और सुरक्षा की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है। 31 मार्च 2022 तक सर्वे का काम जारी रहेगा।
जमीन के कई किलोमीटर तक खनिजों का पता लगेगा
बताया गया कि हेलीकॉप्टर में ऐसे उपकरण लगे हैं जो जमीन के अंदर कई किलोमीटर तक गहरी परतों का डाटा स्केन कर सकते हैं। मिले डाटा का अध्यन किए जाने के बाद खनिज भंडारों का पता चलेगा। जिसके बाद खनिज ब्लॉक बनाए जा सकेंगे। बाद में राज्य सरकार की मंजूरी के बाद खनिज का उत्खनन कार्य शुरू हो सकेगा। सर्वे में लगी टीम के सदस्यों ने बताया कि गामा रे, स्पेक्ट्रोमीटर, टीडीईएम तथा मैग्नोमीटर के जरिए खनिज का पता लगाया जा रहा है।
परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए जरूरी है यूरेनियम
बताया गया कि परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए यूरेनियम बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र में यूरेनियम के भंडार होने की संभावना के साथ परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय यूरेनियम की खोज में जुटा है। इसके अलावा थोरियम, नियोबियम, टेंटेलम, बेरीलियम, जिरकोनियम, लीथियम, यिट्रीयम और दुर्लभ भू-तत्वों की भी खोज का काम भी जारी है। ये सभी पदार्थ भी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए बेहद जरूरी हैं।