बीकानेर। दस महीने बाद स्कूल खुले हैं और पहले ही दिन ताला लगाकर विरोध करने का सिलसिला शुरू हो गया है। मामला बीकानेर के करमीसर क्षेत्र का है, जहां सुबह ग्रामीणों ने पहुंचकर स्कूल के मुख्यगेट पर ताला लगा दिया। इन लाेगों का आरोप है कि प्रिंसिपल बच्चों के साथ अभद्रता करती है और उन्हें सहयोग नहीं करती। बड़ी बात यह है कि प्रारम्भिक शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक के मौके पर पहुंचने के बाद भी स्कूल नहीं खुल सकी। उल्टे अतिरिक्त निदेशक और प्राचार्य के बीच में तकरार हो गई। उधर, प्रिंसिपल सरोज सोलंकी का कहना है कि मैं यहां से हटने के लिए तैयार हूं लेकिन बड़ा अधिकारी आकर स्कूल खोलने के लिए समझाइश तो करे।
सोमवार सुबह प्रिंसिपल हटाओ, करमीसर बचाओं के नारों के साथ ग्रामीणों ने सुबह ताला लगाया। इस स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे अध्ययनरत है। सोमवार सुबह भी नौंवी व दसवीं के बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल प्रिंसिपल की भाषा बच्चों के साथ अच्छी नहीं है। विद्यालय में आने वाले बजट का भी प्रिंसिपल उपयोग नहीं कर रही है, जिससे स्टूडेंट्स को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
वीडियो : महेन्द्र मेहरा
खेल मैदान का है मुद्दा
बताया जा रहा है कि स्कूल खेल मैदान में बच्चों के प्रवेश पर प्रिंसिपल ने पिछले दिनों रोक लगा दी थी। मैदान में नहीं जा पाने से नाराज स्टूडेंट्स ने अभिभावकों को अवगत कराया। अभिभावकों ने भी प्रिंसिपल से बात की लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते अनुमति नहीं दी गई जिससे ग्रामीण नाराज हो गए।
कोई अधिकारी नहीं आ रहा : प्राचार्य
उधर, प्राचार्य सरोज सोलंकी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि कोई भी आला अधिकारी मौके पर नहीं आया है। अतिरिक्त निदेशक अशाेक सांगवा आये हैं लेकिन वो तो एक दिन के लिए हमारे अधिकारी है। माध्यमिक शिक्षा के कोई अधिकारी मौके पर आकर समझाइश नहीं करवाना चाहते।
अतिरिक्त निदेशक को भाईसाहब कहा तो बिगड़ गए
प्राचार्य सोलंकी ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक सांगवा उनसे नाराज हो गए क्योंकि उन्होंने वार्ता करते हुए उन्हें भाई साब कह दिया। बाद में सर भी बोला लेकिन वो नाराज हो गए। अब वो एफआईआर का दबाव बना रहे हैं लेकिन मैं एफआईआर नहीं करवाना चाहती।