देवेंद्रवाणी न्यूज़, बीकानेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर केंद्र सरकार को कोस रहे हो। लेकिन, हकीकत यह है कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर पड़ोसी राज्यों से करीब 10 फीसदी वैट ज्यादा है। यही कारण है कि यहां पेट्रोल 90 रुपए 55 पैसे और डीजल 82 रुपए 53 पैसे प्रतिलीटर तक पहुंच चुका है। राजस्थान में पेट्रोल पर 38 रुपए और डीजल पर 28 रुपए वैट है।

पड़ोसी राज्यों में वैट है कम
जबकि पंजाब में 20 रुपए 11 पैसे पेट्रोल पर और 11 रुपए 80 पैसे डीजल पर वैट है। बात करें हरियाणा की तो वहां पेट्रोल पर 22 रुपए 26 पैसे और डीजल पर 13 रुपए 24 पैसे, गुजरात में पेट्रोल और डीजल दोनों पर 17-17 रुपए, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल पर 30-30 रुपए, उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर 26 रुपए 80 पैसे और डीजल पर 17 रुपए 48 पैसे वैट है। वहीं, मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर 33 रुपए और डीजल पर 23 रुपए वैट लगा हुआ है।

रोडसेस के कारण सरकार को मिलता है 100 करोड़ राजस्व
ऐसे में यदि राजस्थान सरकार चाहे तो वैट कम कर अपने स्तर पर ही पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से परेशान हो रही राज्य की जनता को तत्काल राहत दे सकती है। बता दें वैट और सेंट्रल एक्साइज टैक्स तो सभी राज्यों में है। लेकिन रोडसेस केवल राजस्थान में ही है। राजस्थान में पेट्रोल  पर 1.5 और डीजल पर 1.75 रुपए रोड सेस के है। पेट्रोल और डीजल पर रोड सेस से सरकार को हर महीने करीब 100 करोड़ रुपए  से ज्यादा का राजस्व मिल रहा है।