नागौर, राजस्थान के नागौर शहर में शनिवार को दर्दनाक हादसा हो गया। शहर में पावर हाउस के सामने गड्‌ढों में जमा बारिश के पानी में डूबने से 4 बच्चों की मौत हो गई। बच्चे स्टेडियम के सामने साटियों की बस्ती के रहने वाले थे। सभी बच्चों की उम्र तीन से चार साल के बीच थी। बच्चे यहां खेलने चले आते थे। शनिवार को 3 साल का रामलाल, 3 साल की लिछमा, 4 साल का शिंभू और 3 साल की आरती खेलने के लिए आए थे। वे बारिश के पानी में आगे बढ़े तो वहां चार से पांच फीट के गहरे गड्‌ढे में डूब गए। घटना की सूचना थाना कोतवाली में दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। गड्ढे से बच्चों को निकाल कर जिला अस्पताल भिजवाया गया जहां डॉक्टर ने चारों को मृत घोषित कर दिया। जिला एसपी राममूर्ति जोशी ने कहा कि प्रशासन से संपर्क किया गया है। परिजनों को राहत की कार्रवाई पर चर्चा चल रही है। चारों के शव पोस्टमार्टम के लिए JLN हॉस्पिटल नागौर के मॉर्च्यूरी में भेजे गए। शव सौंप दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई जारी है। घटना के बाद मौके पर कोहराम मच गया। कोतवाली SHO बृजेन्द्र सिंह ने बताया कि रामलाल पुत्र पप्पूराम (3) निवासी कुचेरा, लिछमा पुत्री नाथूराम (3) निवासी लूणसरा, शिम्भूराम पुत्र बाबूलाल (4) निवासी लूणसरा व आरती पुत्री मोहनराम (3) निवासी लूणसरा की पानी में डूबने से मौत हुई है। बच्चे स्टेडियम के पास साटियों की बस्ती में रहते थे। यहां बच्चों के परिजन तंबू लगाकर रहते हैं। ये लोग घुमक्कड़ हैं और नमक बेचकर या छोटा-मोटा रोजगार कर जीवन बिताते इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। यहां पावर हाउस के पास नगरपरिषद ने कचरा डालने के लिए गड्ढे खुदवा रखे हैं। गड्‌ढे चार से पांच फीट गहरे हैं। बरसात के दिनों में इलाके में पानी भर जाता है। बच्चों को पानी में गड्‌ढों का अंदाजा न रहा और वे खेलते हुए गड्‌ढे में समा गए। घटना की सूचना के बाद बस्ती के लोगों की भीड़ जेएलएन अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर जुट गई। महिलाएं सड़क पर ही बिलखने लगीं। शव परिजनों के सुपुर्द किए जाने तक माहौल गमगीन रहा।