हनुमान ने उजाड़ी सोने की लंका

बीकानेर। साधु अवग्या कर फलु ऐसा। जरइ नगर अनाथ कर जैसा॥ सज्जन पुरुषों की अवज्ञा करना रावण को महंगा पड़ गया। लंका अनाथों की तरह जलकर राख हो गई। स्थानीय गर्वमेन्ट प्रेस रोड स्थित गोपीनाथ मंदिर में महेंद्र सिंह राजपुरोहित की स्मृति में शहरी जन क ल्याण सेवा संस्थान एवं श्री राम रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में शनिवार को हनुमान ने रावण के सोने की लंका को जला कर राख कर दिया।

सीता की खोज में निकले हनुमान समुद्र लांघक र लंका में प्रवेश करते हैं। हनुमान के प्रवेश करते ही लंकिनी उनको देख लेती है। हनुमान ने उसे एक घूंसा मारा तो वह मुंह से खुन फेंकते हुए धरती पर गिर पड़ी। हनुमान सीता को खोजते हुए विभीषण के घर पहुंच गए। उन्होंने हनुमान को बताया कि सीता अशोक वाटिका में बैठीं हैं। उधर, रावण सीता को अपनी रानी बनाने के लिए समझाता है।

सीता के इंकार करने पर वह राक्षसियों को प्रताडि़त करने के लिए कहकर चला जाता है। उसी समय हनुमान पेड़ पर चढ़कर अग्नि रूपी मुद्रिका सीता के सामने गिरा देते हैं। आकाशवाणी द्वारा उनको राम कथा सुनाते हैं। सीता के कहने पर वे सामने प्रकट होकर अपना परिचय देते हैं।सीता की आज्ञा से बगीचे से मीठे-मीठे फल तोड़कर खाने लगे और पेड़ों को तहस-नहस करने लगे। हनुमान ने बगीचे के रखवालों को भी जमकर पीट दिया। जब यह बात रावण तक पहुंचीं तो उसने अक्षय कुमार को हनुमान को पकडऩे के लिए भेजा। हनुमान ने उसका अंत कर दिया। पुत्र के मौत की खबर सुनकर रावण क्रोधित हो उठा। वह स्वयं युद्ध के लिए चलने को तैयार हुआ।

इंद्रजीत ने रावण को रोका और स्वयं वाटिका में पहुंचा। उसने ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करके हनुमान को बांध दिया। रावण के दरबार में हनुमान का उपहास करने के बाद उनकी पूंछ में आग लगा दी गई। हनुमान ने कूद-कूद कर उसकी लंका ही जला डाली। पूंछ की आग बुझाने के बाद वे वापस सीता के पास पहुंचे। उनको धीरज बंधाकर वापस राम के पास जाने की आज्ञा मांगी तो उन्होंने अपना चूड़ामणि उतार कर दे दिया।

राम के पास पहुंचकर हनुमान उनको सीता का सब समाचार बताया। राम हनुमान को गले से लगा लेते हैं और अपनी अनन्य भक्ति प्रदान करते हैं। आयोजक खुशालचंद व्यास ने बताया कि गोपाल सारस्वत ने राम सुरेश कुमार ने सीता, राम राजपुरोहित ने लक्ष्मण की भूमिका,देवीसिंह राठौड ने रावण,विवेक दावडा ने हनुमान,पं हरिशंकर सारस्वत ने सुग्रीव,तरूण शर्मा ने विभिषण,आनंद सिंह भाटी ने मेघनाथ,नंदू ने अक्षय कुमार की भूमिका निभाई।

कमेटी की ओर से मुख्य अतिथि जयनारायण गोयल,विशिष्ट अतिथि भंवरलाल बडगुजर,घीसाराम सैनी,आशा शर्मा,मो हसन राठौड का सम्मान किया गया।