बीकानेर। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पाल गौतम ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के तहत अभ्यर्थी व राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी।
गौतम ने कहा कि यदि कोई भी दल या प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो सम्बंधित के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई दल या प्रत्याशी किसी निजी सम्पत्ति पर अपने बैनर या झंडे लगवा कर चुनाव प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं तो इसके लिए सम्बंधित मालिक से लिखित स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।

मालिक की लिखित स्वीकृति के बाद लगाए जाने वाले बैनर या झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति अभ्यर्थी द्वारा रिटर्निंग अधिकारी को 3 दिन में प्रस्तुत करनी होगी। शहरी क्षेत्रों मे निजी सम्पत्ति पर विज्ञापन नगरपालिका अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी सम्पत्ति मालिकों की स्वीकृति अनिवार्य है। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पाल गौतम ने बताया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करवाने तथा चुनावी खर्चे आदि की कड़ी मानिटरिंग के लिए यह प्रावधान किया गया है।

निजी वाहन पर प्रचार से न हो असुविधा
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन पर अपनी पंसद के किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का झंडा, स्टीकर लगाता है, तथा यदि इससे राहगीरों को किसी प्रकार की असुविधा या आपत्ति नहीं है तो इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अभ्यर्थी की अनुमति के बिना अपने वाहन पर झंडे या स्टीकर इस प्रकार लगाता है कि जिससे किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में मत याचना का उद्देश्य स्पष्ट होता है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 171-एव आईपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजन से प्रयोग में लिए गए उसके व्यक्तिगत वाहन को प्रचार वाहन माना जाएगा तथा उसका ईधन तथा चालक का वेतन अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल किया जाएगा। इस क्रम में प्रचार के लिए काम में लिए जा रहे अन्य वाहन भी अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल होंगे।

गौतम ने बताया कि वाणिज्यिक वाहनों पर झंडे या स्टीकर लगाने पर उसे प्रचार वाहन के रूप में माना जाएगा, अत: वाहन को प्रचार वाहन के रूप में उपयोग में लेने की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। साथ ही उस वाहन का मूल परमिट वाहन के विंड स्क्रीन पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

बैगर नियमों के छापे पोस्टर तो मुद्रक, प्रकाशक के विरूद्ध भी होगी कार्यवाही
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दल, प्रत्याशियों तथा उनके समर्थकों द्वारा प्रकाशित करवाए जाने वाले पम्पलेट(पर्चे), पोस्टर, विज्ञापन अथवा हैण्डबिल प्रकाशित या मुद्रित करवाते समय पम्पलेट तथा पोस्टर के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम तथा पता अनिवार्य रूप से लिखवाना होगा। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करवा सकेगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो द्वारा सत्यापित न करवाया जाए। सत्यापन के पश्चात मुद्रक को इसकी दो प्रतिलिपि देनी होगी। दस्तावेज के प्रकाशन के पश्चात मुद्रक इसकी एक प्रति तथा घोषणा पत्र की प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेगा।उन्होंने कहा कि यदि किसी मुद्रक या प्रकाशक पर भी कार्यवाही की जाएगी।
नियमों रह करेंं लाउडस्पीकर का उपयोग
चुनाव के दौरान वाहनों तथा वीडियो रथ वाहन में सक्षम अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता हैं। लेकिन लाउडस्पीकरों का उपयोग रात: 10 से प्रात: 6 बजे तक निषिद्ध अवधि में नहीं किया जा सकेगा।
नहीं हो सकेगा साड़ी, कमीज आदि परिधानों का वितरण
गौतम ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जुलूसों में कोई भी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल टोपी, मास्क स्कार्फ आदि उपलब्ध करवा सकता है लेकिन रैलियों, सभाओं, जुलूसों आदि में साड़ी, कमीज आदि परिधानों वितरण नहीं किया जा सकेगा।
संस्थान प्रबंधन से लेनी होगी एनओसी
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक सभाओं के लिए सरकार, स्थानीय निकाय, उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, हॉल्स, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग राजनीतिक सभाओं के लिए किया जा सकता है लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि इन का उपयोग सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा समानता के आधार पर किया जाएगा और किसी दल या अभ्यर्थी का इन पर एकाधिकार नहीं रहेगा, साथ ही राजनीतिक दल या अभ्यर्थी यह सुनिश्चित करें कि सभा स्थलों पर प्रचार सामग्री सभा समाप्ति के तुरंत बाद हटा ली जाए।

कॉलेज, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी स्कूल या कॉलेज के शैक्षणिक सत्र पर किसी भी प्रकार का वितरीत असर न हो। संस्थान प्रबंधन को इस पर कोई आपत्ति न हो तथा उपखंड अधिकारी से कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए अनुमति प्राप्त कर ली हो। उन्होंने बताया कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह अनुमति प्रदान की जाएगी। इन मैदानों में किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में किसी मुआवजे के लिए सम्बंधित राजनीतिक दल उत्तरदायी माना जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक सम्पति या अन्य की सम्पत्ति को जान बूझकर क्षति पहुंचाने का मामला पाए जाने पर सम्बंधित के विरूद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।