बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने सोमवार शाम को पीबीएम अस्पताल के सामने स्थित दवाओं की दो दुकानों से फोरकाॅक्स टैबलेट, जो कि टी.बी. की बीमारी को ठीक करने की दवा होती है, उसकी खरीद की। यह दवा चिकित्सक द्वारा लिखे जाने पर ही विक्रय की जाती है, लेकिन जिला कलक्टर ने बिना डाक्टर की पर्ची के ही इस दवा की खरीद मेडिकल स्टोर से की।
नियमानुसार चिकित्सक का रुक्का और जो व्यक्ति यह दवा खरीद रहा है,उसके आधार कार्ड की छाया प्रति मेडिकल शॉप को देनी होती है, परन्तु इन दुकानों पर नियमों की पालना नहीं की जा रही है। जिला कलक्टर द्वारा इस दवा खरीदने के बाद इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया गया कि न केवल यह दवा दुकानदार द्वारा दी गई बल्कि रसीद मांगने पर बिल काटकर भी उन्हंे दिया गया। जिला कलक्टर द्वारा रसीद मांगने पर दुकानदार ने नाम पूछा तो साथ खड़े उप निदेशक जनसमम्पर्क ने अपना नाम बताया और उसी के अनुसार दुकानदार ने विकास हर्ष के नाम से बिल काटकर जिला कलक्टर को थमा दिया।
जिला कलक्टर ने यह फोरकाॅक्स (थ्वतमबवग) दवा पीबीएम अस्पताल के सामने कपिल मेडिकल स्टोर से खरीदी। इसके बाद दुकानदार से बात करते हुए पास की दूसरी दुकान में गए, जहां दुकानदार ने उन्हें बताया कि उसके पास यह दवा नहीं है और कहा कि अन्य दुकान से आपको यह दवा मंगवाकर देता हूं। सैल्समैन ने अंश मेडिकाॅज से दवा व रसीद लेकर जिला कलक्टर को उपलब्ध करवाई। दुकानदार ने बिल में हुकमाराम नाम लिखकर, जिला कलक्टर को दवा सहित बिल सुलभ करा दिया।
जिला कलक्टर ने दुकानदारों द्वारा अनियमियमता बरती जाने पर मौके पर ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.एल. मीना को फोन कर मौके पर बुलाया और रसीद व दवा थमा दी तथा कहा कि इनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावे। जिला कलक्टर ने बताया कि टी.बी. की यह दवा खरीदने के लिए स्पष्ट निर्देश है कि जो दुकानदार यह दवा बेचता है, उस दुकान का टी.बी क्लिनिक में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और जितनी दवा उस दुकान के स्टाॅक में होती है वह भी टी.बी. क्लिनिक के रिकाॅर्ड में इन्द्राज करवाना जरूरी है।
गौतम के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.मीना ने सहायक निदेशक औषधि नियंत्रक तथा दो ड्रग इन्सपेक्टरों को बुलाकर दोनों दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।