बीकानेर। बड़ा उपासरा खरतरगच्छ श्रीसंघ की ओर से खरतरगच्छ की स्थापना के 1000 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे सहस्त्राब्दी महोत्सव के तीसरे ने दिन शनिवार को बीकानेर के पार्श्वचंद सूरि दादाबाड़ी से प्रभु पालकी निकाली गई। पालकी में खासोजी की प्रतिमा सजी थी। स्टेशन रोड स्थित दादाबाड़ी से शुरू हुई यह पालकी शहर के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए रांगड़ी चौक स्थित बड़ा उपासरा पहुंची।

यहां पर धर्मसभा हुई जिसमें जिनचंद्र सूरीश्वर महाराज ने खरतरगच्छ के बारे में जानकारी दी। महाराज ने कहा, कोई धर्म कभी यह नहीं कहता कि हिंसा से किसी समस्या का निस्तारण होता हो। इसलिए हमें अहिंसा के मार्ग पर ही चलना चाहिए। व्यक्ति को सफल होना है तो उसे संयम और धैर्य का सहारा लेना चाहिए। इस मौके पर गुरुवाणी पढ़ी गई और महामांगलिक किया। यहां पर हुए कार्यक्रम में भीखमचंद, पूनमचंद, श्रीपाल नाहटा परिवार की ओर से स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। शाम चार बजे दिव्यानंद सूरि निराले बाबा व यतिवर्य डॉ. वसंत विजय ने नाल स्थित जिनेश्वर सूरि नगरी से सत्य साधना केन्द्र में प्रवेश किया। यहां पर शाम को एक हजार दीपों से दादा गुरुदेव की आरती की गई। इसके बाद गुरु इकतीसा पाठ हुए।


झांकियां सजाई, प्रभु पालकी के साथ पहुंचे ऊंट-घोड़े-
पार्श्वचंद सूरि दादाबाड़ी से निकली प्रभु पालकी में शामिल युवा जहां सिल्क के गोल्डन कलर के कुर्त-पायजामे पहने हुए थे वहीं महिलाओं के भी एक ही कलर की साडिय़ां पहनी हुई थी। पालकी के साथ चल रहे लोग दादा गुरु के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। पालकी के साथ खरतरगच्छ से जुड़ी झांकियां भी चल रही थी। वहीं वरघोड़ा यात्रा में बैंड, घोडिय़ां और ऊंट सवार भी शामिल थे।

गुरुदेव को कांबली ओढ़ाई
कोचरों के चौक में गुरुदेव जिनचंद्र सूरीश्वर महाराज को काम्बली ओढाई गई। स्वागताध्यक्ष घेवरचंद मुशरफ ने बताया कि परसन चंद विनोद कुमार पारख और जुगल राठी,जयचंद लाल डागा, आईएम सुराणा,चंद्र कुमार कोचर आदि ने विशिष्ट जनों का सॉफा व माला पहनाकर स्वागत किया। बाहर से पधारे लोगों का तिलक श्रीफल और माला पहना कर स्वागत किया गया।
कुशल विद्यापीठ का रजत महोत्सव आज
सात अप्रैल को सुबह साढ़े सात बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी जो तेरापंथ भवन नाल से शुरू होकर सत्य साधना केन्द्र पहुंचेगी। वहां पर खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव मनाया जाएगा। इसी दौरान दोपहर एक बजे से कुशल विद्यापीठ का रजत महोत्सव भी मनाया जाएगा।