जयपुर। विवाह की शहनाइयां एक बार फिर 25 नवंबर देवउठनी एकादशी से बजने लगेंगी। इस साल के अंतिम माह दिसंबर तक केवल आठ विवाह मुहूर्त रहेंगे।
इन मुहूर्तों में तकरीबन ढाई से तीन हजार जोड़ों के विवाह बंधन में बंधेंगे। कोरोना काल में होने वाली शादियों में इस बार मेहमानों की संख्या भी सीमित होगी। न ही किसी भी तरह का शोर शरबा देखने को मिलेगा।
राजस्थान प्रदेश टेंट डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रवि जिंदल का कहना है कि हर साल जयपुर शादियों का कारोबार एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का है। इस सीजन में 30 से 35 करोड़ रुपए का कारोबार ही हो पाएगा।
अब न हो जाए परेशानी:
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों के बाद राज्य सरकार ने शनिवार देर रात जयपुर, जोधपुर सहित अन्य जगहों पर रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है। गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में यह साफ किया गया कि शादी में आने-जाने वालों, मेडिकल सुविधाएं और यात्रियों को इससे पूरी तरह छूट दी गई है।
लेकिन रात्रिकालीन कर्फ्यू लगने से जिन घरों में विवाह होना है, वे परेशानी में पड़ गए हैं। इसकी वजह यह है कि वे बांट चुके निमंत्रण पत्रों में प्रीतिभोज का समय रात 8 बजे से आपके आगमन तक लिख चुके हैं, जबकि अब उन्हें रिश्तेदारों को फोन करके समय में बदलाव के लिए बताना पड़ रहा है।
शादी हाॅल और मैरिज गार्डन में देर रात तक फेरे व अन्य रस्मों पर लोग असमंजस में हैं। कई पंडित भी देर रात विवाह संपन्न कराकर घर लौटेंगे। केटरिंग व हलवाई आदि को भी देर रात घरों पर लौटना होगा। कई परिवार दूर-दराज से विवाह समारोह में आएंगे, वे भी वापस जाएंगे। पुलिस पूछताछ करेगी तो क्या प्रमाण देने के लिए निमंत्रण कार्ड साथ में रखना होगा।
कई दिनों पहले निकाल चुके मुहूर्त:
ज्योतिषाचार्य पं. घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि इस माह नवंबर में केवल 3 और अगले माह दिसंबर में केवल चार दिन विवाह मुहूर्त हैं। नवंबर में 25, 27, 30 और दिसंबर में 1, 7, 9, 10 चार दिन मुर्हूत रहेंगे। कुल सात सावों में राजधानी जयपुर में देवउठनी एकादशी को दो हजार और इसके बाद तीन हजार से अधिक शादियां होनी है।
लंबे समय बाद परिजन भी इन मुहूर्त में अपने बेटे और बेटी का विवाह करवाने के लिए मुहूर्त निकाल चुके हैं। इसकी दो बड़ी वजह हैं। गत मार्च से जुलाई तक कोरोना महामारी से बचाव के लिए लाॅकडाउन लगने और प्रशासन की गाइडलाइन की बंदिशों के चलते काफी कम जोड़ों के विवाह हो सके थे।