चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा

बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध पी.बी.एम. अस्पताल परिसर में स्थित ट्रोमा सेंटर में सिटी स्केन मशीन स्थापित की जाएगी। साथ ही सेंटर में वातानुकुलित सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा तथा डेऊनेज सिस्टम को अधिक बेहतर बनाया जाएगा। गौतम रविवार को ट्रोमा सेंटर के निरीक्षण के बाद कॉलेज के प्राचार्य तथा अस्पताल के अधीक्षक के साथ सेंटर में अधिक सुविधाएं विकसित करने के लिए चर्चा कर रहे थे।

गौतम ने बताया कि ट्रोमा सेंटर में पी.पी.पी.मोड पर सिटी स्केन मशीन स्थापित करने के लिए राज्य सरकार स्तर से इजाजत मिल चुकी है, शीध्र ही सभी प्रशासनिक व कार्यकारी एजेन्सी के साथ एम.ओ.यू. आदि कर जल्द ही मशीन की स्थापना कर दी जाएगी, जिससे की यहां उपचार के लिए आने वाले रोगियों को सिटी स्केन करवाने के लिए इस भवन से बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने बताया कि ट्रोमा सेंटर में जो छत बनी हुई है, उसमें कुछ तकनीकी खामिया रह जाने के कारण कुछ स्थानों पर सीलन आ रही है, इसे ठीक करने के लिए नगर विकास न्यास के माध्यम से 6 लाख रुपए खर्च कर छत की मरम्मत का कार्य करवाया जाएगा।

जिला कलक्टर ने कहा कि राजस्थान मेडिकल रिलिफ सोसायटी की बैठक शीध्र ही आहूत की जाएगी, जिससे की अस्पताल में सुविधाओं का अधिक विस्तार करने के साथ-साथ, संस्थान में आर्थिक संसाधनों के विकास पर भी चर्चा कर तर्क संगत निर्णय लिया जाएगा। गौतम ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के बाहर जो नाले बने हुए है, इन नालों पर अस्थाई अतिक्रमण हो रखे है, इनके चलते नाला अवरुद्ध हो गया है, जिसके कारण पी.बी.एम.अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है। सोमवार से अतिक्रमण हटाते हुए नाले की सफाई का कार्य करवाया जाएगा। चर्चा में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.एच.एस.कुमार व पी.बी.एम.अस्पताल के अधीक्षक डॉ.पी.के.बेरवाल सहित अनेक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।

ट्रोमा सेंटर होगा हस्तान्तरित- ट्रोमा सेंटर के निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर को बताया गया कि सेंटर का निर्माण नगर विकास न्यास द्वारा करवाया गया था, मगर अब तक न्यास द्वारा भवन सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तान्तरित नहीं किया गया है। इस कारण रख-रखाव व मरम्मत कार्य में परेशानी हो रही है। जिला कलक्टर ने सेंटर से ही न्यास व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता को दूरभाष पर निर्देश दिए कि भवन हस्तान्तरण की कार्यवाही तीन दिन में आवश्यक रूप से करें।