श्रीगंगानगर। नाबलिग लडक़ी को बहला-फुसला कर घर से भगाने और दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने एक युवक को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष पोक्सो न्यायालय संख्या-2 की ओर से सुनाए निर्णय में न्यायालय ने दोषी श्रवण सिंह पुत्र इंद्र सिंह निवासी पुरानी आबादी, श्रीगंगानगर को 80 हजार रुपए जुर्माने से भी दंडित किया है। दोषी श्रवण सिंह जमानत पर रिहा था, जिसे फैसला सुनाए जाने के बाद न्यायालय के निर्देशानुसार जेल भेज दिया गया। विशेष लोक अभियोजन नवप्रीत कौर संधू के अनुसार 29 जनवरी 2017 को महिला थाना में पुरानी आबादी निवासी एक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज करवाया था कि 9 फरवरी दोपहर में उसकी नाबालिग लडक़ी घर से बाहर दुकान पर सामान लेने गई थी। इसके बाद वह लापता हो गई। इसी दौरान श्रवण सिंह पर लडक़ी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का संदेह हुआ। परिवादी का आरोप था कि श्रवण उसकी लडक़ी से चोरी छिपे बात किया करता था। तब श्रवण पर संदेह जताते हुए उसकी लडक़ी को बहला-फुसलाकर भगाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया था।
पुलिस ने जैतसर थाना क्षेत्र से नाबालिग लडक़ी को बरामद कर श्रवण सिंह को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366 (क), 376 (2) (आ्ई)(एन) व 5 (एल)/6 पोक्सो अधिनियम के तहत चालान पेश किया था।
न्यायालय ने दोषी श्रवण सिंह को आईपीसी की धारा 363 में 5 वर्ष कठोर कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 366 में 5 वर्ष कठोर कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 376 (2) (आई) में 10 वर्ष कठोर कारावास, 20 हजार रुपए जुर्माना व पोक्सो अधिनियम की धारा 5 (एल)/6 में 10 वर्ष कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
न्यायालय के निर्देशानुसार जुर्माना अदा न करने पर दोषी को अधिकतम 3 वर्ष कारावास भुगतना पड़ेगा। न्यायालय ने पीडि़ता को प्रतिकर राशि दिलाए जाने की अनुशंसा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से की है।