जयपुर। राजस्थान सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में राज्य की महिला नीति पिछले छह साल से लागू नहीं हो सकी है। महिला नीति का ड्राफ्ट तो तैयार हो गया, लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका है।

राज्य महिला आयोग ने महिला संगठनों एवं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को सौंप दिया था। लेकिन तब से लेकर अब तक महिला नीति लागू नहीं हो सकी है। मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही महिलाओं के अधिकारों एवं सुरक्षा को लेकर नीति तैयार करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस लिहाज से कोई काम नहीं हो सका।

जानकारी के अनुसार महिला नीति का ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष सुमन शर्मा के नेतृत्व में तैयार किया गया था। राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन श्रीमती ममता शर्मा ने प्रदेश में महिला नीति बनाए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार को शीघ्र निर्णय कराने का प्रयास करना चाहिए।

ममता शर्मा का कहना है कि महिला अधिकारों को लेकर आयोग को पहले से अधिक अधिकार दिए जाने की जरूरत है। वहीं महिला संगठनों की प्रतिनिधियों के अनुसार महिला नीति के ड्राफ्ट में महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला हिंसा के साथ ही महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा विधिक मामलों जैसे बिन्दुओं को शामिल किया गया था।