जयपुर के आरयूएसएस हॉस्पिटल में भर्ती आयकर विभाग के एक अफसर ने खुदकुशी कर ली। अफसर ने हॉस्पिटल की छठवीं मंजिल में बने वार्ड में बेडशीट से फंदा लगाकर जान दी। सोमवार तड़के 4 बजे उन्हें हॉस्पिटल के सुरक्षा गार्ड ने फंदे पर लटका देखा। इसके बाद RUHS प्रबंधन और प्रताप नगर थाना पुलिस को सूचना दी गई।

सुसाइड करने वाले विजय कुमार मंगला (45) को 4 साल पहले सीबीआई ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए झालावाड़ में पकड़ा था। इसी मामले में कोर्ट ने 22 जनवरी को उन्हें जेल भेजा था। इसके बाद उनकी कोविड-19 की जांच करवाई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जयपुर के प्रताप नगर स्थित RUHS में भर्ती करवाया गया था।

वार्ड में अकेले भर्ती थे आयकर अफसर
विनय कुमार मंगला छठवीं मंजिल पर एक वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि इस वार्ड में वे अकेले थे। सुबह करीब 4 बजे तक सिक्यूरिटी गार्ड ने राउंड के दौरान विनय कुमार को वार्ड में अपने बेड पर देखा था। इसके बाद जब वह दोबारा आया तब वे पंखे के कड़े से फंदे पर लटकते हुए नजर आए।

पुलिस ने बताया कि विनय कुमार मंगला कोटा में श्रीनाथ पुरम के रहने वाले थे। मामला न्यायिक हिरासत में मौत से जुड़ा होने पर एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। मौके पर कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचाया गया।

4 साल पहले सीबीआई ने पकड़ा था
शुरुआती जानकारी में सामने आया कि सीबीआई ने झालावाड़ में विनय कुमार मंगला को पेट्रोल पंप मालिक से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। परिवादी के पेट्रोल पंप की 2014-15 की आयकर डिमांड नहीं निकालने के एवज में मंगला ने सवा लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।

परिवादी ने बातचीत करके आयकर अधिकारी मंगला को एक लाख रुपए देना तय किया। रिश्वत की रकम काम करने के बाद देना तय किया तो विनय कुमार ने परिवादी से बिना डेट का एक लाख रुपए का चेक ले लिया था। मामला सीबीआई तक पहुंच गया। सीबीआई ने तब उनके घर की सर्च की तो डेढ़ किलो सोना, अचल संपत्ति के दस्तावेज, 4 बैंक लॉकर, 6 अलग-अलग बैंकों में खातों का पता चला था।