देवेन्द्रवाणी न्यूज,बीकानेर। वीर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी थे या नहीं। यह जांच का विषय है। पहले इसकी जांच करवाई जाएगी फिर इनके नाम से बीकानेर में एक सड़क का नामकरण करने का प्रस्ताव संभागीय आयुक्त को भेजा जाएगा। यह बात महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने वेटरनरी ऑडिटोरियम में आयोजित नगर निगम की साधारण सभा में विपक्ष के विरोध के बाद उन्हें आश्वासन के दौरान कही। जबकि नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है और महापौर भी संघ पृष्ठभूमि से है। उसके बाद भी वीर सावरक र के व्यक्तित्व की जांच की जाएगी। हुआ यूं कि लंबे समय बाद हुई साधारण सभा की बैठक में बीकानेर नगरीय क्षेत्र में 20 प्रबुद्वजनों के मार्गों के नामकरण के दौरान वीर सावरकर के नाम के साथ स्वतंत्रता सेनानी जोडऩे का विरोध करते हुए कांग्रेस ने इसमेें संशोधन की बात कही। जिस पर पक्ष विपक्ष में कुछ देर तक जिरह भी हुई। जिसे देखते हुए महापौर ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि उनके विरोध को स्वीकार करते हुए इसकी जांच करवाई जाएगी। उसके बाद ही इस प्रस्ताव को संभागीय आयुक्त को भेजा जाएगा। हालांकि बाद में अपने उद्देश्य पर प्रेस से रूबरू होते हुए अपने इस वक्तव्य को ढक लिया।
शहर की समस्या की बजाय अपने वार्डों पर रहा फोकस
अर्से बाद हुई साधारण सभी की बैठक में उपस्थित पार्षदों ने जन समस्या या अन्य गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय अपने अपने वार्डों पर ही चर्चा कर कोरम पूरा कर दिया। करीब तीन घंटे चली इस साधारण सभा में अधिकांश पार्षदों ने अपने वार्डों में सफाईकर्मी लगाने,लाईटें लगाने,पार्षदों की अनुमति से सफाईकर्मियों के स्थानान्तरण करने जैसे विषयों पर ही तर्क कुतर्क किये। जबकि बिना वित्तिय स्वीकृति के यूजर चार्ज वसूल कंपनी को करोड़ों का भुगतान करने,यूजर चार्ज की वसूली के बिना भुगतान क्यों किया जा रहा है,पट्टों के वितरण में हो रही देरी जैसे मुद्दों पर किसी पार्षद ने चर्चा करना उचित नहीं समझा।
चार प्रस्तावों पर आयुक्त ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देकर की टोका टोकी
साधारण सभा के दस बिन्दुओं के एजेण्डें में चार बिन्दु ऐसे भी थे। जिस पर आयुक्त अरूण प्रकाश शर्मा ने कानूनी दावपेजों का हवाला देते हुए प्रस्ताव पारित करने पर सवालिया निशान भी लगाएं। इनमें कनिष्ठ सहायक नौरंगलाल मेघवाल की अभियोजना स्वीकृति,16 सफाई कर्मचारियों को रिक्त पदों के विरूद्व समायोजित करने,यूजर चार्ज की आवासीय दरों में संशोधन,विभागीय पदौन्नति के प्रस्तावों में कानूनी पेचीदगियां होने की बात आयुक्त ने की।
इन प्रस्तावों पर पार्षदों ने दिए सुझाव
बैठक के दौरान सता व विपक्ष के पार्षदों ने कचरा संग्रहण के तीन ट्रिप करने तथा कचार संग्रहण वाहन के जीपीएस सिस्टम का पासवर्ड पार्षदों को देने,प्रत्येक पार्षद के वार्ड में दो दो हाईमास्क लगाने,जिन वार्ड पार्षदों के वार्ड में चालीस चालीस लाख के विकास कार्य की निविदा नहीं लगाई गई। उसे जल्द लगाने,प्रत्येक वार्ड में 15-15 सफाई कर्मचारी लगाने,प्रबुद्वजनों के नामकरण से मार्ग में कुछ संशोधन करने,पार्षद की अनुमति के बिना वार्ड से सफाई कर्मचारी को नहीं हटाने,आय के स्त्रोत बढ़ाने,इन्द्रा कॉलोनी,रामपुरा बस्ती व अन्य मोहल्ले जो यूआईटी द्वारा हस्तांतरित किये जा रहे है उन्हें निगम के क्षेत्र में नहीं लेने के सुझाव भी दिए गये।
ये रही झलकियां
निर्दलीय पार्षद मनोज विश्नोई ने पूर्व आयुक्त गोपालराम बिरदा के खिलाफ एसीबी में जांच करवाने की उठाई मांग
भाजपा पार्षद जितेन्द्र सिंह भाटी ने अपने संबोधन में आयुक्त को संबोधित करने पर महापौर ने टोका।
आधे से ज्यादा पार्षद बने रहे मौनीबाबा,न अपने वार्ड की समस्या उठाई और न ही किस चर्चा में हिस्सा लिया। महज अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
कई पार्षदों ने अनेक प्रस्तावों में हां और ना में अपने हाथ उठाएं।
कांग्रेसी पार्षदों ने अपने ही सरकार के यूजर चार्ज की आवासीय दरों में संशोधन में बदलाव को लेकर पक्ष में हाथ उठाकर हामी भरी।