शुद्ध के इस युद्ध का दीपावली पर असर नहीं

शहर में छह हजार से ज्यादा दुकानें लेकिन छापेमारी महज छह से सात दुकानों पर

 

बीकानेर। हेल्थ डिपार्टमेंट के शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के बावजूद बीकानेर में हजारों लोगों को मिलावटी सामान खाने से कोई बचा नहीं पा रहा है। दरअसल, इस अभियान के तहत पकड़ी जा रही सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट ही दीपावली के बाद आएगी। शहर में छह हजार से ज्यादा दुकानें लेकिन छापेमारी की कार्रवाई अब तक छह से सात दुकानों पर हुई है, जो ऊंट के मुंह में जीरे समान है। हर साल की तरह इस साल भी दीपावली के बाद आने वाली रिपोर्ट में दुकान संचालकों को क्लीन चिट मिल सकती है। दीपावली के मद्देनजर आमजन को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देशानुसार ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ का विशेष अभियान जारी तो हो गया और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापामारी कर सैम्पल लिए जा रहे है पर इन सेम्पलों की रिपोर्ट को आने में 14 दिन लगते है और अभी लिए सैम्पलों की रिपोर्ट भी दीपावली बाद आएगी तो त्यौहार के मोके पर इस अभियान से कुछ फायदा होता नजर नहीं आ रहा है।
बीकानेर क्षेत्र में छह हजार से ज्यादा दुकानें और जाँच अधिकारी एक
विभाग में राज्य सरकार द्वारा एक ही फ़ूड इंस्पेक्टर है जो शहर और गांव में कहा तक जायेगे और कितना अकेले कर पाएंगे बीकानेर जैसे बड़े क्षेत्र में कम से कम दो फ़ूड इंस्पेक्टर की जरूरत है परन्तु ये अभियान महज एक दिखावा सा लगता है हालाँकि कुछ जगहों पर निरीक्षण कर माल जब्त किया गया तथा नष्ट करवाया गया। अभियान चल रहा पर शहर में दर्जनों दूकान में मिलावटी सामान ही बिक रहा है क्योकि विभाग के लिए मुखबिरी हो सकती है तो व्यापारी के लिए भी विभाग में कई चहेते काबिज है जो टीम की रवानगी से पहले सूचित कर सतर्क कर देते है जिससे विभाग को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार अभियान के तहत जिलेभर की विभिन्न खाद्य सामग्री औद्योगिक इकाइयों एवं दुकानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने आमजन से मिलावटखोरी की सूचना देने की अपील भी की तथा बताया कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मिलावट करने वाले उत्पादक की सूचना देने पर मुखबिर को ‘अनसेफ फूड’ प्रमाणन पर 51 हजार रुपए तथा ‘सब स्टैंडर्ड’ होने पर 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए टोल फ्री नंबर 181 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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