जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई है कि शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थी-शिक्षक सहित सभी यदि कोरोना की गाइड लाइन की पालना को लेकर विशेष एहतियात नहीं बरतेंगे, तो कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान खोल दिए गए हैं। कोविड महामारी के कारण लम्बे समय से शैक्षणिक संस्थान बन्द होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि शिक्षण संस्थानों के संचालन के लिए जारी की गई गाइड लाइन की सख्ती से पालना करें। यदि गाइड लाइन और कोविड प्रोटोकॉल की पालना सही तरीके से नहीं हुई, तो पुन: संक्रमण बढ़ने का खतरा है। पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य का भी उचित ध्यान रखें एवं सख्ती से कोविड प्रोटोकॉल एवं गाइड लाइन की पालना सुनिश्चित करें। सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को शुभकामनाएं।
सबसे कम एक्टिव केस की खुशी
गहलोत ने कहा कि सिर्फ 81 एक्टिव केस के साथ राजस्थान पूरे देश में सबसे कम एक्टिव केस वाला राज्य बन गया है। यह बेहद खुशी की बात है कि पिछले एक महीने में प्रदेश में कोविड से कोई भी मृत्यु नहीं हुई है। लेकिन जरा सी लापरवाही होने पर कोविड पुन: बढ़ सकता है। इसलिए कोविड प्रोटोकॉल यानी मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग इत्यादि का पालन बेहद जरूरी है। प्रदेश में अभी तक 1.10 करोड़ लोगों को दोनों डोज सहित कुल 4.55 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। सभी लोग समय पर अपनी वैक्सीन जरूर लगवाएं।
आंकड़ों का उतार—चढ़ाव बढ़ा रहा चिंता
आपको बता दें कि प्रदेश में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन फिर कोरोना के नए मामले बढ़े हैं। मंगलवार को प्रदेश में सिर्फ 2 नए मरीज मिले थे, वहीं बुधवार को 5 तो गुरुवार को यह संख्या बढ़कर 8 हो गई है। प्रदेश के 4 जिलों में ये नए मामले दर्ज किए गए हैं। चिंता की बात यह है कि एक्टिव केस भी घटने की बजाय बढ़े हैं। एक दिन पहले बुधवार को प्रदेश में सिर्फ 81 कोरोना के एक्टिव केस रहने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बधाई दे चुके हैं। लेकिन यही एक्टिव केस गुरुवार को 84 हो गए। इन 24 घंटों में सिर्फ 5 मरीज ही रिकवर हुए हैं। गुरुवार को जयपुर में 4, अजमेर 2, जालौर 1 और बीकानेर में एक नया मामला सामने आए।