नागौर में एक निजी स्कूल की लापवाही के कारण 13 साल के बच्चे का हाथ काटना पड़ा है। यहां 9वीं क्लास के स्टूडेंट अभिषेक को करंट लगने के बाद उसका दाहिना हाथ काटना पड़ा। 1 महीने पहले अभिषेक को जी ब्रिलियंट स्कूल में करंट लगा था। करंट के झटके बाद वो बेसुध हो गया। उसे हॉस्पिटल ले गए। यहां से उसे अजमेर और इसके बाद जयपुर रेफर किया गया। इंफेक्शन फैलने के बाद 25 जनवरी को हाथ काटना पड़ा। अब परिजनों ने शुक्रवार को मेड़ता थाने में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पीड़ित अभिषेक के पिता घनश्याम प्रजापत ने बताया कि घटना 11 जनवरी की है। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद जब अभिषेक पहले दिन स्कूल पहुंचा तो वह ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर जा रहा था। इस दौरान अचानक से रेलिंग में करंट दौड़ गया। रेलिंग को हाथ लगाते ही अभिषेक तेज झटके के साथ नीचे गिरा और बेसुध हो गया। इस पर वहां मौजूद उसके दोस्त और कुछ लोग हॉस्पिटल लेकर आए। सूचना मिलने पर परिजन भी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां से उसे अजमेर रेफर किया गया। यहां हालत बिगड़ते देख अभिषेक को जयपुर अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

हाथ की नसें जली और काटना पड़ा हाथ
अभिषेक पिछले एक महीने से हॉस्पिटल में दर्द से तड़प रहा था। परिजनों ने बताया कि इस हादसे के बाद अभिषेक के हाथ की नसें जल गई थी। शरीर में भी इंफेक्शन फैलने लगा। इस पर 25 जनवरी को जयपुर में उसका ऑपरेशन हुआ और हाथ काटना पड़ा। परिजनों ने बताया अभी भी इंफेक्शन के कारण अभिषेक परेशानी में है। गुरुवार को अभिषेक की जिद पर परिजन उसे घर ले आए, लेकिन दोबारा उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा।

स्कूल पर आरोप, सबूत मिटाने के लिए हटाए सीसीटीवी
परिजनों ने जब स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया तो वे मुकर गए। परिजनों ने बताया कि जब इसकी शिकायत की तो उल्टा हमें ही धमकाया गया कि कहीं भी जाकर शिकायत कर लो उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। इतना ही नहीं यह पूरी घटना स्कूल में लगे सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हो गई थी, लेकिन अभिषेक को करंट लगने के बाद स्कूल मैनेजमेंट ने अपनी गलती छिपाने के लिए सीसीटीवी ही वहां से हटा दिए। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।